जैसलमेर, भा.वा.अ.शि.प. शुष्क वन अनुसंधान संस्थान, (आफरी) जोधपुर द्वारा प्रदर्शन ग्राम, मोहनगढ़, जैसलमेर के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, जैसलमेर में “पश्चिमी राजस्थान के इंदिरा गांधी नहरीय क्षेत्र में आजीविका संबल के लिए उपयुक्त कृषि वानिकी मॉडल" विषय पर वन विभाग के क्षेत्र पदाधिकारियो एवं किसानो के लिए तीन दिवसीय (28 अगस्त से 30 अगस्त तक) प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की गयी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुमार शुभम, उपवन संरक्षक, जैसलमेर, विशिष्ठ अतिथि डॉ. दीपक चतुर्वेदी, प्रभागाध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र, जैसलमेर, बी एम गुप्ता, उपवन संरक्षक (डीनपी), जैसलमेर, पंकज कुमार गुप्ता, उपवन संरक्षक (आईजीनपी), जैसलमेर का पुष्पगुच्छ द्वारा स्वागत किया गया ।
उपवन संरक्षक (डीनपी) पंकज कुमार गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कृषि वानिकी से होने वाली आय को बढ़ाने के बारे मे एवं परम्परागत खडीन कृषि प्रणाली पर अपने विचार व्यक्त करते हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को नयी तकनीकों के समावेश के लिए उपयोगी बताया।
डॉ. दीपक चतुर्वेदी ने उन्नत कृषि वानिकी के ए मृदा उर्वरता बढ़ाने पर जोर दिया एवं प्रशिक्षणार्थियों हेतु मिल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम को नवीन तकनीकों से परिचित होने का अवसर बताया। डॉ. बिलास सिंह, मुख्य तकनीकी अधिकारी द्वारा प्रदर्शन ग्राम एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का परिचय दिया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अतहर परवेज़, वैज्ञानिक-बी,आफरी, जोधपुर द्वारा किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र मे डॉ. आर. एस. मेहता, प्रधान वैज्ञानिक, भाकृअप-काजरी अनुसंधान केंद्र, जैसलमेर, डॉ. अतहर परवेज़, वैज्ञानिक- बी, आफरी, डॉ. दिलीप कुमार, काजरी अनुसंधान केंद्र, जैसलमेर, डॉ. दीपक चतुर्वेदी, प्रभागाध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र, जैसलमेर, डॉ. बिलास सिंह सीटीओ, आफरी आदि विषय विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए गये। कार्यक्रम मे तकनीकी सहायक धानाराम, एसीटीओ एवं ओम प्रकाश, भी उपस्थित रहे।