जयपुर। जयपुर का अर्बाना ज्वेल्स इस वर्ष गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर पहली बार गणपति बप्पा की स्थापना का साक्षी बना। यह ऐतिहासिक आयोजन 27 अगस्त से 31 अगस्त तक पांच दिनों तक श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक सद्भाव का संदेश देता रहा। गणेश मंडल और ऋद्धि-सिद्धि ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव ने न केवल सोसाइटीवासियों को बल्कि शहरभर के श्रद्धालुओं को भी आकर्षित किया।
प्रमुख संयोजक और सहयोगी
इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में सभी साथियों का समान योगदान रहा। निशांत श्रीवास्तव, अनुराधा श्रीवास्तव, कुमार रजनीश, हेमलता वर्मा, संजय सोनी, मनीष भार्गव, मनीष शर्मा, ओमवीर सिंह, प्रदीप कुमार, मनीष साहनी, सविता, दीपक इनानी, संदीप चतुर्वेदी दीपक गोयल और हिमांशु खंडेलवाल, निशान्त गुप्ता ने मिलकर कार्यक्रम को व्यवस्थित और यादगार बनाया। साथ ही वरिष्ठजनों – श्री प्रकाश खंडेलवाल, कलावती जी, नरेन्द्र एवं निधि गुप्ता, गुप्ता जी – का आशीर्वाद और मार्गदर्शन इस आयोजन की सबसे बड़ी शक्ति बना।
आयोजन की शुरुआत
27 अगस्त की सुबह ढोल-नगाड़ों की गूंज और शंखनाद के साथ गणपति बप्पा का स्वागत कर सोसाइटी में प्रवेश कराया गया। बच्चों और महिलाओं ने पारंपरिक परिधान धारण कर इस शोभायात्रा में उत्साह बढ़ाया। स्थापना के साथ ही मंगला आरती, भोग आरती और संध्या आरती का सिलसिला प्रारम्भ हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
प्रतिदिन विशेष कार्यक्रम
पहला दिन : भजन संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें सोसाइटी की महिलाओ और भक्तों ने गणपति भजन गाये और पूरा वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो गया।
दूसरा दिन : सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर धर्म और आस्था के महत्व को आत्मसात किया।
तीसरा दिन : महिलाओं के लिए विशेष हल्दी-कुमकुम कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसने पारंपरिक बंधन और सौहार्द को मजबूत किया।
चौथा दिन : देव वेश भूषा प्रतियोगिता में छोटे-छोटे बच्चों ने भगवान गणेश, श्रीराम, सीता, राधा, कृष्ण और अन्य देव रूप धारण कर सभी का मन मोह लिया। इसी दिन पूर्व सांसद श्री राम चरण बोहरा और सांगानेर मंडल अध्यक्ष श्री सुशील शर्मा ने आरती में भाग लेकर प्रसाद ग्रहण किया ।
पाँचवाँ दिन : अंतिम दिन पूजा-अर्चना और हवन सम्पन्न कर बप्पा की विदाई निकाली गई। ढोल-नगाड़ों और गुलाल से सजी शोभायात्रा ने पूरे सोसाइटी परिसर को उत्सवमय बना दिया ।
श्रद्धालुओं की सहभागिता
पूरे पांच दिनों में प्रतिदिन 500 से 700 श्रद्धालु गणपति दर्शन और प्रसाद ग्रहण के लिए पहुंचे। सभी को दो बार प्रसाद वितरण किया गया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर किसी ने इस उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश
इस आयोजन ने जहां भक्ति और उत्साह का संगम प्रस्तुत किया, वहीं सामूहिकता और एकजुटता का भी प्रतीक बना। अर्बाना ज्वेल्स जैसे आधुनिक आवासीय परिसर में गणपति उत्सव का यह पहला आयोजन न केवल धार्मिक भावना का परिचायक रहा, बल्कि इसने समाज में सामुदायिक सौहार्द की मिसाल भी कायम की।
विदाई के भावुक क्षण
31 अगस्त की शाम गणपति बप्पा की विदाई ढोल-नगाड़ों और "गणपति बप्पा मोरया" के जयकारों के साथ यात्रा निकली गयी जो लगभग 2-3 घंटे तक चली जिसमे भक्तो ने खूब मन भर कर डांस किया । श्रद्धालुओं की आंखें नम थीं, पर सभी ने अगले वर्ष फिर आने का आमंत्रण बप्पा को दिया।
अर्बाना ज्वेल्स में पहली बार आयोजित गणपति स्थापना और महोत्सव का यह आयोजन आने वाले वर्षों के लिए प्रेरणा बनेगा |