उदयपुर: पर्यावरण संरक्षण के संदेश को ध्यान में रखते हुए, रंगकर्मी विलास जानवे ने अपने घर पर माटी से बने गणपति बाप्पा का विसर्जन बाल्टी के पानी में किया। उन्होंने इस अनोखे तरीके से गणेशोत्सव के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश देते हुए यह उदाहरण पेश किया कि उत्सव की खुशियाँ प्रकृति को नुकसान पहुँचाए बिना भी मनाई जा सकती हैं।
इस अवसर पर विलास जानवे ने गणपति बाप्पा से प्रार्थना की कि वह सभी को सद्बुद्धि प्रदान करें और लोगों में यह जागरूकता बढ़े कि पानी और प्राकृतिक संसाधनों को प्रदूषित होने से बचाना हर व्यक्ति का कर्तव्य है।
विलास जानवे ने विशेष रूप से कहा कि यह केवल उदयपुर ही नहीं, बल्कि सभी जगहों पर अपनाया जाने वाला तरीका होना चाहिए, ताकि नदी, तालाब और जलाशयों का जल प्रदूषित न हो और आने वाली पीढ़ियाँ भी स्वच्छ जल का आनंद ले सकें।
इस प्रकार, विलास जानवे ने अपने रचनात्मक और संवेदनशील प्रयास के माध्यम से गणपति उत्सव को पर्यावरण-हितैषी रूप में मनाने का प्रेरक संदेश दिया।