गोपेन्द्र नाथ भट्ट
इसे ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव माने अथवा इन्द्र देवता की मेहरबानी रेगिस्तान प्रधान राजस्थान में इस बार वर्षा तोड़ रही है सभी पुराने रिकॉर्ड ।सावन के साथ भादों में भी सभी ओर बारिश की मेहर राजस्थान के छोटे मध्यम और बड़े बांधों में पानी भराव के नए कीर्तिमान बना रही है। राजस्थान में इस मानसून अब तक 384 बांध लबालब हो गए हैं. सितंबर की शुरुआत में पहली बार बांधों में इतना पानी आया है. पिछले 24 घंटे के दौरान 14 से अधिक बांध लबालब हो गए हैं। एक समय था जब प्रदेश में हर दूसरा साल सूखे और अकाल की विभीषिका से ग्रस्त रहता था लेकिन इस बार इन्द्र देवता की मेहरबानी से प्रदेश में सूखे बांधों की संख्या घटकर अब 100 से भी कम संख्या तक आ गई है। राजस्थान में इस बार बांधों की भराव क्षमता पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है. बांधों में कुल भराव क्षमता का 85.43 प्रतिशत पानी आ गया है। पिछले 24 घंटे के दौरान 109.7 प्रतिशत पानी की आवक हुई हैं ।पिछले साल 2 सितंबर तक कुल भराव क्षमता का 73.14 प्रतिशत पानी था।जयपुर संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 83.20 प्रतिशत पानी, भरतपुर संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 57.89 प्रतिशत पानी, जोधपुर संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 73.00 प्रतिशत पानी, कोटा संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 94.96 प्रतिशत पानी, बांसवाड़ा संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 95.35 प्रतिशत पानी, उदयपुर संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 64.18 प्रतिशत पानी आ गया है.
जयपुर अजमेर और भीलवाड़ा जिले को पानी की आपूर्ति करने वाले बीसलपुर बांध में स्थानीय बारिश से लगातार पानी की आवक बढ़ रही है. बांध से डाउनस्ट्रीम में 72 हजार पानी निकाला जा रहा है. बांध के 6 गेट 2 मीटर की हाइट पर खोलकर पानी निकाला जा रहा है। बांध के छह
गेट खोलकर सरप्लस पानी निकाला जा रहा है. बीसलपुर के डाउनस्ट्रीम से पानी ईसरदा बांध जा रहा है. ईसरदा के भी 16 गेट खोलकर डाउनस्ट्रीम में पानी निकाला जा रहा है। 3 मीटर हाइट पर गेट खोलकर 46 हजार क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है।जयपुर में कानोता बांध की लगातार चादर चल रही है। कानोता बांध की लगातार चादर चलने से ढूंढ नदी में जलस्तर बढ़ गया है. प्रशासन ने रिंग रोड से साख कानोता मार्ग को बंद करवाया है. तेज बहाव के चलते सांभरिया और बराला गांव को अलर्ट पर रखा गया है. प्रदेश की राजधानी जयपुर और आसपास लगातार बारिश का दौर चलने से जयपुर जिले के 10 बांधों पर चादर चल रही है.रामगढ़ बांध में इस मानसून में अब तक 727 एमएम बारिश हुई है और वहां ड्रोन से भी कृत्रिम वर्षा कराने में भी सफलता मिली बताई जा रही हैं।
उत्तरी बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर एरिया, जयपुर सहित अन्य जिलों में भारी बारिश की संभावना बताई जा रही है। प्रदेश के उत्तरी भागों एवं हरियाणा के ऊपर एक सर्कुलेशन सिस्टम बना है,ऐसे में भरतपुर, जयपुर संभाग, कोटा संभाग व शेखावाटी में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है. दोनों वेदर सिस्टम से पूर्वी, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में 3 सितंबर से फिर से भारी बारिश शुरू होगी और अगले तीन दिनों तक कोटा, उदयपुर, अजमेर एवं भरतपुर संभाग में अति भारी बारिश की संभावना है। जोधपुर और बीकानेर संभाग में भी 5 सितम्बर से बारिश में बढ़ोतरी होगी.
इधर राजधानी जयपुर में लगातार बारिश का दौर जारी है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जिला कलेक्टर और अधिकारियों को लगातार हो रही बारिश एवं वर्षाजनित परिस्थितियों को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर डॉ.जितेन्द्र कुमार सोनी ने भी अधिकारियों को मिशन मोड पर कार्य करने निर्देश दिए हैं. विशेष कर जल भराव के क्षेत्रों में राहत पहुंचाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। अधिकारी गण जर्जर भवनों, वर्षा से हुए नुकसान का आकलन कर आमजन से संवाद करेंगे। आमजन से भी एहतियात बरतने की अपील की गई है। साथ ही किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में आमजन से नियंत्रण कक्ष में सम्पर्क करने की अपील की गई है।
राजस्थान के इस बार रेगिस्तान से जलस्थान में तब्दील होने से आम जनता और पशुओं आदि को तत्कालिक कठिनाइयों का सामना जरूर करना पड़ रहा है लेकिन इन्द्र देवता की मेहरबानी से राजस्थान में पीने के पानी सहित सिंचाई जल का इंतजाम हो जाने से किसानों के मध्य खुशी की लहर है।