Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - Evam Janm Rashi Falanuman
दिनांके -(आँग्ल)25 /11/2021,गुरुवार
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक 04/09/1943
04मार्गशीर्ष मास1943
सृष्टिगतसौरार्कदिनांक -
08/08
/1955885122#(# पंचांगकारानुसार वर्ष, दैनिक सूर्योदय कालीन सूर्य संक्रांति राशि - अंशतः अंकतः स्थानीय व्यवस्था)
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
06/09/2078
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि)
मार्गशीर्ष
तिथि षष्ठी28:41:44*
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र पुष्य18:48:25
योग शुक्ल07:56:02
करण गर15:56:43
करण वणिज28:41:44*
माह (अमावस्यांत)कार्तिक
माह (पूर्णिमांत)मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि कर्क
सूर्य राशि वृश्चिक
सूर्योदय07:00:05
सूर्यास्त17:46:27
दिन काल10:46:21
रात्री काल13:14:21
चंद्रास्त11:47:07
चंद्रोदय22:42:27
सूर्योदयलग्न वृश्चिक8°50' ,
'सूर्य नक्षत्रअनुराधा
चन्द्र नक्षत्र पुष्य
आज के नामकरणाक्षर
पद, चरण3 हो पुष्य12:16:09
4 डा पुष्य18:48:25 तक ।
1 डी आश्लेषा25:18:37*
मुहूर्त
राहुकाल13:44 - 15:05अशुभ
यम घंटा07:00 - 08:21अशुभ
अभिजित् 12:02 -12:45शुभ
दूर मुहूर्त10:36 - 11:19अशुभ
दूर मुहूर्त14:54 - 15:37अशुभ
गंड मूल18:48 - अहोरात्र अशुभ
चोघडिया, दिन
शुभ07:00 - 08:21शुभ
रोग08:21 - 09:42अशुभ
उद्वेग09:42 - 11:02अशुभ
चर11:02 - 12:23शुभ
लाभ12:23 - 13:44शुभ
अमृत13:44 - 15:05शुभ
काल15:05 - 16:26अशुभ
शुभ16:26 - 17:46शुभ
चोघडिया, रात
अमृत17:46 - 19:26शुभ
चर19:26 - 21:05शुभ
रोग21:05 - 22:44अशुभ
काल22:44 - 24:24*अशुभ
लाभ24:24* - 26:03*शुभ
उद्वेग26:03* - 27:42*अशुभ
शुभ27:42* - 29:22*शुभ
अमृत29:22* - 31:01*शुभ
(अंतिम कॉलम अंत समय है.)
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विशेष विवेचन - आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध -गुरु पुष्य अमृत सिद्धि चर योग पुष्य नक्षत्र तक । पश्चिम उत्तर
दिशाएँ प्रभावित। ईस्पात विद्या भाषा जनहित योजना । अनुसंधान शिक्षा-तकनीकी एवं लोह प्रकरण में नव चिंतन । ग्राफिक्स प्रभावित पर। । ##############
*अन्तिम कालम अन्त समाप्तिकाल है।
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य।
@जीवोत्थान जन्म राशि फलानुमान @
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जन्मराशितःआज सांकेतिक फलानुमान
(विशेषार्थ स्वजन्म पत्रिका दृष्टव्य) (एकन्दर राशि फल बोध
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वृश्चिक कुंभ तुला राशि वालों के लिये दिनमान के मिश्रित , मेष सिंह धन के लिए अड़चन फलद समय तथा अन्य हेतु अपेक्षाकृत दिनमान ठीक।)
जन्म राशि - - - - - समेकित फलानुमान
मेष - अवरोध 59 %
वृष. - अनुकूलता62 %
मिथुन - सुधार 61 %
कर्क. - मिश्रित 58 %
सिंह. - उलझन 58 %
कन्या. - अनुकूल 67 %
तुला. ठीक ठाक 52 %
वृश्चिक. मिश्रित 58 %
धन. - परेशानी 66 %
मकर. - अनुकूलता 59 %
कुंभ. - मिश्रित 58 %
मीन. - अच्छा 63 %
विशेष - दिन शुद्धि सामान्यतः अच्छी फलद है।
जीवोत्थान पाक्षिक जन्म राशि समेकित फलानुमान
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(नवंबर उत्तरार्ध)
जन्म राशितः
मेष - - मिश्रित
वृष - - - -मिश्रित
मिथुन - - - - - - अनुकूलता
कर्क - - - - - मिश्रित
सिंह - - - - -अवरोध
कन्या - - - -अच्छा
तुला - - - - सुधार
वृश्चिक - - - - उलझन
धन - - - - - - - -मिश्रित
मकर - - - - - तरक्की
कुंभ - - - - - अच्छा
मीन - - - - - - ठीक ठीक
{(जीवात्मा की विचित्रता, ग्रह-प्रकृति फल भोग।
कर्मफल के सार से, जीवनचक्र - संजोग ।।
स्वात्मदेव सुसाक्षी रख, स्मरण परब्रह्म साथ।
स्वशुद्धभाव कर्मरत् हो ,तो साथ रहे नाथ।
सम्मान प्रदान,दिया,लिया,,यथाभाग्य सब लेख।
सुजन निभावे पात्रता,आप्राण विधि- प्रलेख।।)}
भारत की अद्वितीय विशेषताओं का,
अनवरत् दिव्यामृतपान करनाहै।
"ब्रह्माण्डोत्थान" हेतु मानवादर्श का,
'जीवोत्थान 'सदाश्रय को अपनाना है।।
परिवारे गृहे देशे, स्वस्त्यस्त्वद्यदिने शुभे।
परब्रह्मप्रसादेन, सर्वानुकूलमङ्गलम्।।
विद्या- दीक्षादिसंस्कार-वृत्तिर्जीवनसाधनम्।
प्रचलिते कलौ काले,चाशीर्वादोऽपि तादृशः!।।
ॐमहर्षि - यादवेन्द्र जीवोत्थान उदयपुर