GMCH STORIES

मिजोरम में रेल लाइन केवल यात्रा नहीं, समृद्धि भी

( Read 1569 Times)

12 Sep 25
Share |
Print This Page

मिजोरम में रेल लाइन केवल यात्रा नहीं, समृद्धि भी

नई दिल्ली। भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित मिजोरम की राजधानी आइजोल रेल नेटवर्क से जुड़ने का जश्न मना रहा है। बइरबी-सायरंग रेल लाइन बिछा दी गई है, जो इस ऐतिहासिक बदलाव की गवाह बनेगी। यह लाइन असम-मिजोरम सीमा के पास स्थित बइरबी से शुरू होकर, राजधानी आइजोल से मात्र 18 किमी. दूर बसे छोटे नगर सायरंग तक पहुँचती है।
रेलवे बोर्ड, पूर्व अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि 51.38 किलोमीटर लंबी यह नई रेल लाइन घने बाँस के जंगलों, गहरी घाटियों और खड़ी पहाड़ियों से गुजरते हुए लुशाई (मिजो) पर्वतों से होकर निकलती है। 45 सुरंगों और 55 मुख्य ब्रिजों वाली इस रेल लाइन पर देश का दूसरा सबसे ऊँचा पियर ब्रिज बना है, जिसकी ऊँचाई 114 मीटर है, यानी कुतुब मीनार से भी अधिक ऊँचा। इसके साथ ही, शांत और सौम्य हवाओं वाली भूमि मिजोरम की राजधानी आइजोल अब राष्ट्रीय रेल ग्रिड से जुड़ गई है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करना आसान नहीं था। दुर्गम स्थलाकृति, भूस्खलन और कठिन मॉनसून जैसी परिस्थितियों ने रेलवे की सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग क्षमता की परीक्षा ली।
उन्होंने कहा कि नई रेल लाइन मिजोरम के लोगों के जीवन को बदलने जा रही है। अब तक पहाड़ी भू-भाग के कारण आवागमन धीमा और कठिन था, जिससे यहाँ वस्तुएँ महँगी मिलती थीं और यात्राएँ लंबा समय लेती थीं। 51.38 किलोमीटर लंबी इस लाइन के पूरा होने से कोलासिब जिले से आइजोल जिले तक की यात्रा का समय आधे से भी कम हो जाएगा। इसका अर्थ है कि सस्ती दरों पर आवश्यक वस्तुओं तक पहुँच आसान होगी, रोजगार और व्यापार के नए अवसर खुलेंगे। यह रेल लाइन उद्यमियों के लिए बड़े बाजारों तक पहुँच के नए रास्ते खोलेगी। आइजोल के लोग अब देश के प्रमुख शहरों तक सुगमता पूर्वक पहुंच सकेंगे। एवं त्योहारों पर उन्हें अपने घर आने-जाने में सुगमता होगी।
प्रकृति और संस्कृति का कॉरिडोर
उन्होंने कहा कि यह रेल लाइन केवल परिवहन का साधन नहीं है, बल्कि मिजोरम में विकास और संपर्क के नए दौर का नया अध्याय है। व्यापार और उद्योग के लिए भी यह रेल लाइन मददगार साबित होगी। यहाँ की हरियाली, घाटियाँ और पहाड़ियां दुनिया भर के सैलानियों को आकर्षित करेंगी। यहाँ की प्राकृतिक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, आत्मीय आतिथ्य और जीवंत परंपराओं से जुड़ने का अवसर सैलानियों को मिलेगा।
मिजोरम की खूबसूरती इसके प्राकृतिक दृश्यों में निहित है। घने जंगल, लहरदार पहाड़, मनमोहक घाटियाँ और स्वच्छ जलधाराएँ व झरने। यही कारण है कि इसे लैंड ऑफ द हाईलैंडर्स और लैंड ऑफ द ब्लू माउंटेन्स कहा जाता है। यह राज्य एक इकोलॉजिकल हॉटस्पॉट है, जहाँ अनोखी वनस्पतियाँ और जीव पाए जाते हैं। यहाँ की आदिवासी संस्कृति अपने संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही, मिजोरम अब एडवेंचर पर्यटन का उभरता हुआ गंतव्य भी बन रहा है। अगस्त 2025 में मिजोरम सरकार और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के बीच इस रेल संपर्क के पर्यटन-संभावनाओं को साकार करने के लिए दो वर्ष का समझौता हुआ। इसमें पर्यटन पैकेजों को राज्य की पर्यटन अवसंरचना से जोड़ने पर बल दिया गया है। आईआरसीटीसी ने ‘‘डिस्कवर नॉर्थ ईस्ट बियोंड गुवाहाटी’’ पहल के तहत विशेष पर्यटक ट्रेनों का संचालन करने की योजना बनाई है, ताकि किफायती, सतत और पर्यावरण.अनुकूल पर्यटन मॉडल विकसित किया जा सके।
जियो स्ट्रेटजिक ब्रिज
मिजोरम राज्य बांग्लादेश और म्यांमार, दोनों की सीमाओं को साझा करता है। यही कारण है कि यह भारत की लुक ईस्ट पॉलिसी और नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी का केंद्र बिंदु है। रेल संपर्क का अर्थ है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों तरह का व्यापार तेजी से बढ़ेगा। नियोजित रेल और सड़क नेटवर्क का विस्तार मिजोरम को भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच एक प्रमुख परिवहन केंद्र बना सकता है। यह विशेष रूप से वर्तमान भू.राजनीतिक परिदृश्य में महत्त्वपूर्ण है।
परिवर्तन की लहर
आर्थिक और लॉजिस्टिक दृष्टि से हटकर देखें, तो आइजोल में रेल लाइन एक भावनात्मक जुड़ाव की उपलब्धि भी है। मिजोरम के लोगों के लिए यह इस बात की पुष्टि है कि वे देश का अहम हिस्सा हैं और भारत की आकांक्षाओं के केंद्र में हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन की जाने वाली इस नई रेल कनेक्टिविटी के साथ, मिजोरम केवल एक रेलवे परियोजना के पूर्ण होने का अवसर ही नहीं, बल्कि एक लंबे समय से संजोए गए सपने के साकार होने का उत्सव मना रहा है। यह इस सच्चाई का प्रमाण है कि कोई भी भू-भाग इतना कठिन नहीं है और कोई भी लक्ष्य इतना बड़ा नहीं है कि समर्पण और ढ़संकल्प के साथ हासिल न किया जा सके।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like