देलवाड़ा जैन सोसायटी *उदयपुर* में, पिछले 2005 से कार्यरत है। 180परिवार उदयपुर में निवासरत है।
पूरे वर्ष सेवा संस्कार के कार्यक्रम की श्रृंखला चलती है।
उसी क्रम में सोसाइटी का स्नेह मिलन कार्यक्रम धाकड़ गार्डन बेदला *उदयपुर* में आयोजित हुआ।
अध्यक्ष श्री राजेन्द्र पामेचा महामत्री गजेंद्र कटारिया और संरक्षक यशवंत जी एवं सुन्दर जी कटारिया,महिला विंग अध्यक्ष पूर्णिमा जी द्वारा गार्डन में पौधारोपण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।
मार्गदर्शक वीरेन्द जी सिरोया ने सोसायटी के 20 वर्ष पूर्ण होने के तथा विभिन्न सेवा कार्यो का वर्णन किया।
सोसायटी अध्यक्ष राजेंद्र पामेचा ने पंच परिवर्तन कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यवारण, सामजिक समरसता, स्वदेशी एवं नागरिक शिष्टाचार पर विषय रखते हुए कहाँ की सामूहिक परिवार ही भारत की शक्ति थी। आज टीवी के विभिन्न समाज को तोड़ने वाले सीरियल के कारण परिवार टूट रहे है।
एवम देशी गाय पर आधारित चिकत्सा पर विस्तार से बताया।देशी गो आधारित प्रोडक्ट द्वारा मनुष्य चिकित्सा की स्टाल भी लगाई गई।
*किशन जी वन्दे द्वारा* *मातृशक्ति,बच्चियों के सेल्फ डिफेंस के प्रशिक्षण पर जोर दिया और महिला सुरक्षा हेतु मार्शल आर्ट के विभिन्न प्रयोग का डेढ़ घंटे सभी को प्रशिक्षण दिया तथा योग एवम आरोग्यम पर भी चर्चा हुईं*
महिला विंग अध्यक्ष पूर्णिमा जी ने बताया की बालको में देश भक्ति के संस्कार आए ,उसके लिए महिला विंग द्वारा देश भक्ति गीतों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किया गया।
महामंत्री गजेंद्र कटारिया ने बताया की जीवदया प्रोजेक्ट के तहत इस वर्ष नगर में 500 परिंडे लगाए।
कोषाध्यक्ष अशोक छाजेड़ ने सेवा कार्य बढ़ाने के लिए नवीन फंड बनाने पर चर्चा की , तथा वार्षिक हिसाब पारदर्शिता से रखा ,जिसका सभी ने अनुमोदन किया।
उपाध्यक्ष अशोक जी खेतपलिया ने धार्मिक संस्कारसम प्रश्न पत्र का वितरण एवं जानकारी दी।
संचालन माहवीर जी मेहता ने किया।
अध्यक्ष राजेंद्र पामेचा ने सोसायटी द्वारा गोद लिए बरवा ग्राम के विद्यालय के नवीनीकरण एवम सरस्वती की मूर्ति की स्थापना पर विषय रखा।
युवा अध्यक्ष प्रतीक जैन, राहुल पामेचा अरुण कटारिया,अजय लोढ़ा ने सभी गेम्स की योजना की ।
मार्गदर्शकअनिल कटारिया,ओंकार जी सिरोया, हिम्मत जी बड़ाला,रमेश मेहता, यशवंत सिरोया एवम मनोज मांडावत, राकेश छाजेड़ कार्यक्रम में मोजूद रहे।
उपधयक्ष बंसी लाल जी चौहान ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।