गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग द्वारा मेवाड़ क्षेत्र की पहली राष्ट्रीय स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें एंडोस्कोपी, PICSEP (प्रोटोकॉल-आधारित क्लीनिकल स्किल्स), और PPH (प्रसवोत्तर रक्तस्राव) जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत सत्र आयोजित किए गए। यह कार्यशाला में देशभर से प्रतिष्ठित चिकित्सकों, मेडिकल शिक्षकों एवं छात्रों ने भागीदारी दर्ज कराई।
कार्यक्रम के शुभारंभ पर मंच की शोभा बढ़ाने वाले मुख्य अतिथियों में FOGSI की पश्चिम क्षेत्र उपाध्यक्ष डॉ. कोमल चव्हाण, गीतांजली मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. संगीता गुप्ता, UOGS सचिव डॉ. प्रदीप बंदवाल, GIMSR, जयपुर की विभागाध्यक्ष डॉ. लीला व्यास, कार्यशाला की अध्यक्षा डॉ. मधुबाला चौहान, सह-अध्यक्षा डॉ. अंजना वर्मा तथा वैज्ञानिक समिति की अध्यक्षा डॉ. नलिनी शर्मा शामिल रहीं। कार्यशाला में डॉ अर्चना शर्मा, डॉ अनुपमा हाडा, डॉ शब्दिका कुलश्रेष्ठ का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा|
इस अवसर पर डिवीजनल कमिश्नर सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी ने मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की। उन्होंने गीतांजली हॉस्पिटल द्वारा की जा रही चिकित्सकीय सेवाओं और प्रशिक्षण प्रयासों की सराहना करते हुए इस प्रकार की शैक्षणिक कार्यशालाओं को नियमित रूप से आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यशाला का उद्देश्य वर्तमान में स्त्री एवं प्रसूति रोग चिकित्सा में प्रयोग हो रही नवीनतम तकनीकों की जानकारी साझा करना और रेजिडेंट डॉक्टर्स को व्यावहारिक अनुभव उपलब्ध कराना था। एंडोस्कोपी एवं लैप्रोस्कोपी जैसे क्षेत्रों में हो रहे आधुनिक नवाचारों पर विशेष चर्चा की गई, साथ ही मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल्स और इमरजेंसी रिस्पॉन्स पर भी विचार-विमर्श हुआ।
कार्यशाला का समापन डॉ. अंजना वर्मा द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल द्वारा आयोजित यह कार्यशाला चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता, अनुसंधान, और व्यावहारिक दक्षता को सशक्त बनाने की दिशा में एक सफल एवं प्रेरणादायक प्रयास साबित हुई।