उदयपुर। शहर की सबसे भव्य और विशाल 20वीं कावड़ यात्रा आज शिव महोत्सव समिति के तत्वावधान में निकाली जाने वाली है। इस यात्रा में 11 हजार से अधिक कावड़िये गंगोदभव कुंड से गंगाजल लेकर उभयेश्वर महादेव मंदिर पहुंचेंगे और वहां भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे।
यात्रा का शुभारंभ आज सुबह गंगोदभव कुंड परिसर में पांच पवित्र नदियों से लाए गए गंगाजल की पूजा और भारत माता पूजन के बाद होगा। इसके पश्चात कावड़िये अपनी-अपनी कांवड़ की पूजा करेंगे। यात्रा के आगे एक खुली जीप में पीतल के कलश में गंगाजल रखा जाएगा, जिसके पीछे डीजे सेट महादेव के भजन बजाते हुए चलेंगे। कावड़ यात्रा में शामिल पुरुष सफेद बनियान, कुर्ता, धोती और कपड़े के जूते पहनेंगे, जबकि महिलाएं पारंपरिक परिधानों में शामिल होंगी। गंगु विकास समिति द्वारा सभी शिवभक्तों के लिए चाय व नाश्ते की व्यवस्था की गई है।
सात दिवसीय समारोह के अंतर्गत कल गंगोदभव कुंड परिसर में बजरंग सेना मेवाड़ द्वारा भारत माता पूजन व संगीतमय गंगा महाआरती का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष दीपक लेकर आरती में शामिल हुए। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, डॉ. प्रदीप कुमावत, अनेक महंतगण, इस्कॉन के संत, अधिवक्तागण और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
आज पहली बार उभयेश्वर महादेव मंदिर परिसर में 121 विद्वान पंडितों और 121 यजमान जोड़ियों द्वारा सामूहिक महारुद्राभिषेक पाठ किया जाएगा। इस वर्ष प्रत्येक कावड़िये को पीपल का पौधा भेंट किया जाएगा, जिसे वे मंदिर की पहाड़ियों या अपने गांव में लगाकर संरक्षण का संकल्प भरेंगे। साथ ही “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का संकल्प पत्र भी भरवाया जाएगा।
कावड़ यात्रा का मार्ग आयड़, अशोक नगर, शक्ति नगर, टाउन हॉल, बापू बाजार, देहली गेट, तीज का चौक, घंटाघर, जगदीश चौक, ब्रह्मपोल, दुधिया गणेश, रामपुरा, गोरेल्ला, धार और मोरवानिया होते हुए उभयेश्वर महादेव मंदिर तक जाएगा। मीडिया प्रभारी कृष्णकांत कुमावत ने बताया कि यात्रा मार्ग में 201 स्वागत द्वार बनाए गए हैं, जहां पुष्पवर्षा से यात्रा का स्वागत किया जाएगा। साथ ही विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठनों द्वारा कावड़ियों के लिए जल, मिल्क रोज, फल, आइसक्रीम आदि की सेवा व्यवस्था की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए महादेव धर्मोत्सव समिति के अध्यक्ष मानसिंह हाड़ा, संयोजक नरेश वैष्णव, सुरेश रावत तथा उनकी टीम के सदस्य केसरिया टी-शर्ट में पूरी यात्रा के दौरान मौजूद रहेंगे। यात्रा के पीछे एंबुलेंस और बसों की व्यवस्था भी की गई है, ताकि कोई वृद्ध या अस्वस्थ कावड़िया बीच में थक जाए तो उसे मंदिर तक सुरक्षित पहुँचाया जा सके।