उदयपुर, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अध्यक्ष डॉ. रवि कुमार सुरपुर ने उदयपुर प्रवास के दौरान विभिन्न औद्योगिक संगठनों के साथ संवाद किया।
बैठक में क्षेत्रीय अधिकारी, राजस्थान राज्य प्रदूशण नियंत्रण मण्ड़ल शरद सक्सेना मय समस्त स्टाफ एवं औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों यथा उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड़ इण्ड़स्ट्रीज, उदयपुर केमिकल एसोसिएशन, लघु भारती, उदयपुर मार्बल एसोसिएशन, माईन्स एसोसिएशन, बिल्डर्स एसोसिएशन, भारतीय चिकित्सक संघ तथा संयुक्त बायोमेडिकल अपशिष्ट निस्तारण स्थल तथा संयुक्त हेजार्ड्स अपशिष्ट निस्तारण स्थल, हिन्दुस्तान जिंक देबारी व जावर माईन्स, उदयपुर सीमेन्ट, राजस्थान स्टेट माईन्स एवं मिनरल्स, पेस्टीसाइड़स इण्ड़िया, पेसिफिक अस्पताल भीलो का बेदला, पेसिफिक अस्पताल उमरड़ा, महाराणा भोपाल अस्पताल, लेक पैलेस होटल, एच.आर.एच ग्रुप ऑफ होटल्स, राफेल्स होटल तथा विभिन्न खाद, ड्रग, फार्मा, टेक्सटाईल तथा डाइ इकाईयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इन मुद्दां पर हुई चर्चा
संवाद के दौरान, उदयपुर चेम्बर द्वारा स्थापित हेजार्ड्स वेस्ट साइट के विस्तार/एकीकृत अपशिष्ट निस्तारण स्थल हेतु भूमि चयन के सम्बन्ध में तथा होटल एसोसिएशन द्वारा उदयपुर में झीलों में जा रहे सीवेज तथा कई क्षेत्रों में सीवरेज सिस्टम के स्थापित नही होने, नगरीय ठोस अपशिष्ट के अन्यत्र निस्तारण 70 कमरों तक की होटलों को हरी श्रेणी में वर्गीकृत करने के सम्बन्ध में तथा मार्बल तथा औद्योगिक इकाईयों को अपने भू-भाग के 33 प्रतिशत क्षेत्र में पौधारोपण में आ रही कठिनाईयों बाबत, चिकित्सक संघ द्वारा बायोमेड़िकल वेस्ट के निस्तारण की लागत तथा बार कोडींग किए जाने के सम्बन्ध में मुद्दे उठाए गए तथा विस्तृत चर्चा की गई।
उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर हैं प्रदूषण मंडल
डॉ0 सुरपुर ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने प्रदेश में अधिकतम औद्योगिक विकास पर जोर दिया है तथा उनके नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर निवेशकों की समस्याओं का समाधान कर रही है। साथ ही सरकार का पर्यावरण संरक्षण पर भी पूरा फोकस है। औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण में तालमेल से ही समेकित विकास की अवधारणा सफल हो सकती है। अतः राज्य सरकार की भावना अनुरूप राज्य मण्डल द्वारा उद्यमियों और निवेशको की समस्याओं के त्वरित समाधान में निरंतर सहयोग प्रदान किया जाएगा। संवाद के दौरान डॉ सुरपुर ने जल/वायु/पर्यावरण संरक्षण अधिनियमों के प्रवाधानों की अनुपालना करने पर जोर दिया तथा साथ ही पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जो कि ‘पोल्यूटर पे’ सिद्वान्त के आधार पर अधिरोपित की जाती है उसके बारे में जानकारी दी। उन्होने यह भी बताया कि इस तरह के संवाद भविश्य में भी जारी रहेंगे। सभी उपस्थित पदाधिकारियों तथा प्रतिनिधियों ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा इकाईयों और विभाग के मध्य किए गए संवाद कार्यक्रम की सराहना की तथा वर्तमान परिपेक्ष्य में इसकी आवश्यकता पर बल दिया।