केंद्रीय सरकार ने Animal Birth Control (ABC) Rules, 2023 को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और स्पष्ट किया है कि आवारा श्वानो के प्रबंधन का समाधान केवल नसबंदी और टीकाकरण के माध्यम से किया जाएगा।
सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि धनराशि, बुनियादी ढाँचा एवं एंटी-रेबीज़ वैक्सीनराज्यों और शहरी निकायों को उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि ABC कार्यक्रम को पूरे देश में सशक्त रूप से लागू किया जा सके |
श्वानो के सह अस्तित्व की आवश्यकता
कुत्ते हमारे समाज और पर्यावरण का अभिन्न हिस्सा हैं। वे न केवल प्राकृतिक संतुलन बनाए रखते हैं बल्कि अजनबियों से सुरक्षा भी प्रदान करते हैं। वैज्ञानिक तरीकों से नसबंदी व टीकाकरण से उनकी जनसंख्या नियंत्रित की जा सकती है और रेबीज़ जैसी घातक बीमारियों पर रोक लगाई जा सकती है।
एक संवेदनशील और करुणामय समाज की पहचान बेजुबानों के प्रति उसके व्यवहार से होती है।
एनिमल प्रोटेक्शन सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ. माला मट्ठा ने अपील की है कि –
“सभी नागरिक सरकार की इस मानवीय पहल का हिस्सा बनें। श्वानो को हटाने या बेघर करने की जगह उन्हें नसबंदी और टीकाकरण के माध्यम से सुरक्षित रखें। इंसान और कुत्तों का सह अस्तित्व ही एक सच्चे और मानवीय समाज की पहचान है |