पाली जिले के 57 वर्षीय रोगी को बार-बार दौरे पड़ने की गंभीर शिकायत थी। मरीज को पहले कई निजी हॉस्पिटल—जैसे जोधपुर, पाली, सुमेरपुर व अहमदाबाद—में दिखाया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। दौरे दिन में कई बार आते थे और दवाइयों से नियंत्रित नहीं हो पा रहे थे।
जब रोगी को गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर लाया गया, तब न्यूरोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. निशांत अश्वनी द्वारा जाँच की गई। मरीज को भर्ती कर एमआरआई ब्रेन स्कैन किया गया, जिसमें यह सामने आया कि उसके मस्तिष्क में कई स्थानों पर कीड़े (Neurocysticercosis) हैं। यह संक्रमण अक्सर अशुद्ध पानी, अधपकी सब्जियों या अधपका मांस खाने से होता है।
यह कीड़े मस्तिष्क में पहुँचकर दौरे जैसी गंभीर स्थिति पैदा करते हैं। रोगी के लगातार दौरे और गंभीर स्थिति को देखते हुए हॉस्पिटल में भर्ती किया गया व न्यूरोलॉजी विभाग की डॉक्टर्स की टीम द्वारा दवाओं की मात्रा को वैज्ञानिक रूप से पुनः संतुलित (Optimise) किया गया। इलाज के दौरान मरीज की स्थिति में सुधार हुआ और दौरे पूरी तरह से नियंत्रित हो गए।
रोगी को अब दिमाग में मौजूद कीड़ों को खत्म करने की दवा तथा दौरे रोकने की दवा दी जा रही है। उपचार के बाद रोगी पूरी तरह स्वस्थ हैं और अब नियमित रूप से OPD में सलाह से दवाइयाँ ले रहे हैं।
गीतांजली हॉस्पिटल एक टर्शरी केयर मल्टी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल है यहाँ के न्यूरोसाइंसेज विभाग में सभी एडवांस तकनीके व संसाधन उपलब्ध हैं जिससे जटिल से जटिल समस्याओं का निवारण निरंतर रूप से किया जा रहा है।