GMCH STORIES

संस्कृति की दो महान धाराओं का विदेशी धरती पर आत्मीय मिलन

( Read 25417 Times)

14 Aug 16
Share |
Print This Page
 संस्कृति की दो महान धाराओं का विदेशी धरती पर आत्मीय मिलन अमेरिका के शिकागो जैन सेंटर में भारतीय संस्कृति की दो महान धाराओं का विदेशी धरती पर आत्मीय मिलन अद्भुत संयोग था| एक मंच से दो महान ग्रंथों पर प्रवचन श्रवण का अलौकिक अवसर लोगों को भाव विभोर कर रहा था| प्रसंग था अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथा वाचक श्री रमेश भाई ओझा द्वारा भगवत गीता पर तथा प्रख्यात जैन आचार्य डा. लोकेश मुनि द्वारा जैन आगम उत्तराध्ययन पर संयुक्त रूप से प्रवचन| इस विशिष्ठ कार्यक्रम का आयोजन जैन सोसायटी शिकागो द्वारा किया गया था|



इस अवसर पर प. पू. श्री रमेश भाई ओझा ने कहा कि भगवत गीता समस्त मानव जाति को महान उद्देश्यों के साथ जीवन जीने की शैली सिखाता है| यह ग्रन्थ एक धर्म, जाति या प्रान्त के लोगो तक सीमित नहीं है| उन्होंने समाज में उत्पन्न हो रही विकृतियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि भगवत गीता जैसे प्राचीन ग्रंथो में वैज्ञानिक रूप से मान्यता प्राप्त जीवन शैली का वर्णन है| आज जरूरत है कि हम युवा पीढ़ी को इन शिक्षाओं से अवगत कराएँ और उन्हें नैतिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करें| गीता में ध्यान योग, ज्ञान योग, कर्म योग व भक्ति योग आदि की साधना के बारे में बताया गया है|

इस अवसर पर प. पू. आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि भगवत गीता व उत्तराध्ययन आगम में स्वस्थ, सुखी व आनंदमय जीवन जीने के अनेक सूत्र भरे पड़े है| दोनों ही ग्रन्थ हमें अध्यात्म व भौतिकता के बीच में संतुलन स्थापित कर जीवन जीने की प्रेरणा देते है| उन्होंने कहा मौजूदा समय में समाज में उत्पन्न अनेक विकृतियों का कारण है कि हम आध्यात्म को भुला कर केवल भौतिकता के पीछे अंधी दौड़ लगा रहे है| उन्होंने कहा कि धर्म का भौतिक विकास से कोई विरोध नहीं है किन्तु भौतिक विकास अध्यात्म की नींव आधारित हो तो वो वरदान बन जाता है अन्यथा कभी कभी अभिशाप बन जाता है| आचार्य लोकेश ने कहा कि भगवत गीता व उत्तराध्ययन आगम दोनों महान ग्रंथों में अनासक्त योग स्पर्श पर बल दिया गया है जो कि स्वस्थ, सुखी व आनंदमय जीवन का मूल मंत्र है|

इस अवसर पर प. पू. श्री रमेश भाई ओझा व प. पू. आचार्य लोकेश मुनि का स्वागत जैन सोसायटी शिकागो के पूर्व चेयरमैन श्री प्रबोध वैद्य, ट्रस्टी श्री जिग्नेश जैन, सेक्रेटरी प्रग्नेश शाह, शिक्षा सचिव श्रीमती दर्शन बहन शाह ने शाल उढ़ाकर किया| हिन्दू समाज की और से श्री रमेश भाई ओझा की कथाओं के समन्वयक श्री अरविन्द भाई पटेल ने जैन सोसायटी शिकागो का आभार व्यक्त किया|

Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like