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भारतीय पुस्तकालय विज्ञान के लिए ऐतिहासिक क्षण

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16 Jul 25
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भारतीय पुस्तकालय विज्ञान के लिए ऐतिहासिक क्षण

कोटा,  भारत के लिए गौरव का क्षण—राजस्थान सरकार के भाषा एवं पुस्तकालय विभाग के अधीन राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा मे कार्यरत संभागीय पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव, विभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष एवं प्रमुख, शासकीय संभागीय सार्वजनिक पुस्तकालय, कोटा (राजस्थान) को अंतर्राष्ट्रीय पुस्तकालय संघ एवं संस्थान (इफला ) के अंतर्गत गवर्नमेंट लाइब्रेरी सेक्शन के सूचना समन्वयक अधिकारी पद के लिए 2025–2027 कार्यकाल हेतु निर्वाचित हुये है |

इस ऐतिहासिक घोषणा को दिनांक 14 जुलाई 2025 को इफला की महासचिव श्रीमती शेरोन मोमिस ने सार्वजनिक किया। इस पद पर पहुंचने वाले डॉ. श्रीवास्तव पहले भारतीय पुस्तकालयाध्यक्ष बने हैं, जो कि वैश्विक पुस्तकालय नेतृत्व में भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है।

वैश्विक मंच पर भारत की प्रभावी उपस्थिति

डॉ. श्रीवास्तव का यह चयन न केवल भारत के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह उनके समावेशी सेवाओं, डिजिटल परिवर्तन और जन पुस्तकालयों को पुनः परिभाषित करने के अभूतपूर्व प्रयासों को वैश्विक मान्यता भी प्रदान करता है।

उपलब्धियों की एक झलक:

·         विश्व के सबसे बड़े पुस्तकालय संगठन इफला की “वॉल ऑफ फेम” में शामिल, और भारत के शीर्ष 75 पुस्तकालयाध्यक्षों में शुमार।

·         भारत के 10 शीर्ष नेक्स्ट जनरेशन पुस्तकालय अध्यक्षों मे शुमार |

·         एसलिप बेस्ट प्रोग्रेसिव लाइब्रेरियन अवार्ड 2024 एवं एल.पी.ए. बेस्ट पब्लिक लाईब्रेरीयन नेशनल एवार्ड सहित 3 दर्जन से ज्यादा एवार्ड से सम्मानित।

·         सार्वजनिक पुस्तकालय के मानक निर्धारण कमेटी के सदस्य |

·         वैश्विक दृष्टिबाधित सेवाओ की नीति निर्माण मे सदस्य |

·         दृष्टिबाधित, ट्रांसजेंडर व खानाबदोश समुदायों के लिए अनूठी सेवाओं की शुरुआत।

·         नैतिक कृतिम बुद्दिमत्ता , समावेशी पठन सेवा, व राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्याख्यान।

भारत की आवाज़ अब इफला के मंच पर

उनका चयन न केवल भारत को वैश्विक मंच पर एक मज़बूत प्रतिनिधित्व देता है, बल्कि यह विकासशील देशों की पुस्तकालय सेवाओं को नई दिशा प्रदान करने का अवसर भी है। डॉ. श्रीवास्तव जमीनी नवाचारों और लोकसेवा के अनुभव के साथ इस भूमिका में नया आयाम जोड़ेंगे।

भारतीय पुस्तकालय विज्ञान के लिए ऐतिहासिक क्षण

डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तवफला गवर्नमेंट लाइब्रेरी सेक्शन के सूचना समन्वयक अधिकारी पद के लिए निर्वाचित – 2025 से 2027 तक

कोटा से वैश्विक नेतृत्व तक : डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव बने इफ्ला गवर्नमेंट लाइब्रेरी सेक्शन के सूचना समन्वयक अधिकारी 2025 से 2027 तक, इस पद पर निर्वाचित होने वाले पहले भारतीय पुस्तकालयाध्यक्ष

कोटा, 15 जुलाई 2025 : भारत के लिए गौरव का क्षण—राजस्थान सरकार के भाषा एवं पुस्तकालय विभाग के अधीन राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा मे कार्यरत संभागीय पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव, विभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष एवं प्रमुख, शासकीय संभागीय सार्वजनिक पुस्तकालय, कोटा (राजस्थान) को अंतर्राष्ट्रीय पुस्तकालय संघ एवं संस्थान (इफला ) के अंतर्गत गवर्नमेंट लाइब्रेरी सेक्शन के सूचना समन्वयक अधिकारी पद के लिए 2025–2027 कार्यकाल हेतु निर्वाचित हुये है |

इस ऐतिहासिक घोषणा को दिनांक 14 जुलाई 2025 को इफला की महासचिव श्रीमती शेरोन मोमिस ने सार्वजनिक किया। इस पद पर पहुंचने वाले डॉ. श्रीवास्तव पहले भारतीय पुस्तकालयाध्यक्ष बने हैं, जो कि वैश्विक पुस्तकालय नेतृत्व में भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है।

वैश्विक मंच पर भारत की प्रभावी उपस्थिति

डॉ. श्रीवास्तव का यह चयन न केवल भारत के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह उनके समावेशी सेवाओं, डिजिटल परिवर्तन और जन पुस्तकालयों को पुनः परिभाषित करने के अभूतपूर्व प्रयासों को वैश्विक मान्यता भी प्रदान करता है।

उपलब्धियों की एक झलक:

·         विश्व के सबसे बड़े पुस्तकालय संगठन इफला की “वॉल ऑफ फेम” में शामिल, और भारत के शीर्ष 75 पुस्तकालयाध्यक्षों में शुमार।

·         भारत के 10 शीर्ष नेक्स्ट जनरेशन पुस्तकालय अध्यक्षों मे शुमार |

·         एसलिप बेस्ट प्रोग्रेसिव लाइब्रेरियन अवार्ड 2024 एवं एल.पी.ए. बेस्ट पब्लिक लाईब्रेरीयन नेशनल एवार्ड सहित 3 दर्जन से ज्यादा एवार्ड से सम्मानित।

·         सार्वजनिक पुस्तकालय के मानक निर्धारण कमेटी के सदस्य |

·         वैश्विक दृष्टिबाधित सेवाओ की नीति निर्माण मे सदस्य |

·         दृष्टिबाधित, ट्रांसजेंडर व खानाबदोश समुदायों के लिए अनूठी सेवाओं की शुरुआत।

·         नैतिक कृतिम बुद्दिमत्ता , समावेशी पठन सेवा, व राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्याख्यान।

भारत की आवाज़ अब इफला के मंच पर

उनका चयन न केवल भारत को वैश्विक मंच पर एक मज़बूत प्रतिनिधित्व देता है, बल्कि यह विकासशील देशों की पुस्तकालय सेवाओं को नई दिशा प्रदान करने का अवसर भी है। डॉ. श्रीवास्तव जमीनी नवाचारों और लोकसेवा के अनुभव के साथ इस भूमिका में नया आयाम जोड़ेंगे।

 


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