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दो दिवसीय राज्य स्तरीय अनवरत चिकित्सा प्रशिक्ष्ण कार्यक्रम सम्पन्न  

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14 Sep 25
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दो दिवसीय राज्य स्तरीय अनवरत चिकित्सा प्रशिक्ष्ण कार्यक्रम सम्पन्न  


उदयपुर। ब्लड बैंक सोसायटी राजस्थान एवं सरल ब्लड सेंटर उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय अनवरत चिकित्सा प्रशिक्ष्ण कार्यक्रम के दूसरे दिन राज्य के विभिन्न ब्लड बैंक्स के चिकित्सा अधिकारियों की सहभागिता में सुबह 11 बजे से दो तकनीकी सत्र के साथ अंत में ट्रांसफ्यूजन में डिजिटाइजेशन तकनीकी की उपयोगिता पर गहन चर्चा के साथ संपन्न हुई।इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि स्टेट ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी अजय फाटक ने राज्य के नागरिकों से 17 सितंबर से 2 अक्टूबर के मध्य सेवा पखवाड़ा में अधिकाधिक रक्तदान का आव्हान किया।
दिनभर में हुए पाँच तकनिकी सत्रों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन में बढ़ती सुरक्षा पर जयपुर के डॉ सुमित कुमार, लियूकोफ़ेरेसिस पर उदयपुर की डॉ प्रांशु शर्मा, गर्भावस्था के दौरान रक्तदान पर कोटा से डॉ पी एस झा एव ब्लड ट्रांसफ्यूजन के प्रोटोकॉल पर जयपुर से डॉ मुस्कान चौधरी के गहन व्याख्यान हुए।
सत्र के अंत में पेनलिस्ट, शहर के प्रख्यात ऑंकोलॉजिस्ट डॉ सचिन जैन, फिजिशियन डॉ कल्पेश चौधरी एव डॉ धर्मेन्द्र गर्ग की उपस्थिति में ब्लड ट्रांसफ्यूजन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चाएं हुई। कॉम्पोनेंट्स में क्रायो प्रेसिपिटेट की बढ़ती उपयोगिता से प्लाज्मा एव क्रायो प्रेसिपिटेट से दो अलग-अलग रोगी लाभान्वित हों सकते है। डॉ सचिन जैन और डॉ कल्पेश चौधरी ने इस बाबत शहर के चिकित्सकों के मध्य जागरूकता फैलाने के लिए अपना योगदान देने का आश्वासन दिया। इस दौरान डॉ कल्पेश चौधरी ने सरल ब्लड सेंटर द्वारा चलाए गए रिप्लेसमेंट फ्री रक्त उपलब्ध के मिशन को अत्यंत सराहनीय बताते हुए सबके लिए प्रेरणा का विषय बताया। पैनल चर्चा का सफल संचालन जयपुर से डॉ हिमांशु शर्मा द्वारा किया गया जिसमे डॉ वी पी गुप्ता और डॉ पी एस झा का मार्गदर्शन रहा।
समापन अवसर पर उपस्थित सभी वक्ताओं ने रक्तदान पर जोर देते हुए कहा कि रक्तदान अमूल्य है और इसके प्रति जन जागरूकता फैलाने जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी रक्तदान कर सकती है और करती भी है। लेकिन आमतौर पर देखा जाता है कि उनमें हीमोग्लोबिन की कमी होती है। इस कारण से कई बार वह चाह कर भी  रक्त दान कर नहीं पाती है।
सरल ब्लड सेंटर के मानद सचिव सीए (डॉ.) श्याम एस सिंघवी ने बताया कि इस दो दिवसीय संगोष्ठी के दौरान जो सकारात्मक रिस्पांस और सहभागिता ड्रग्स विभाग के अधिकारियों की, उदयपुर के आसपास के ब्लड बैंक्स की, सरल ब्लड सेंटर से जुड़े सदस्यों से मिली उसके लिए सोसाइटी आभारी है।ब्लड बैंक्स सोसाइटी राजस्थान ने इस आयोजन का जो अवसर सरल सोसाइटी को दिया इसके लिए डॉ वी पी गुप्ता और आनंद अग्रवाल के प्रति आभार व्यक्त किया।
सोसाइटी के सह सचिव संयम सिंघवी ने कहा कि संस्था के चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेश डांगी और पूरी टीम के अतुलनीय सहयोग से यह द्वि-दिवसीय संगोष्ठी सफल ही नहीं बल्कि सफलतम रही है, साथ ही उन्होंने कहा की आयोजन का उद्देश्य यही है कि हम जहाँ- जहाँ जाएं और वहां पर आम जन में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाएं। हम सभी को मिलकर स्वैच्छिक रक्तदान और सुरक्षित रक्त को बढ़ावा देने के क्षेत्र में कार्य करना है। जब हम अलग-अलग जगह पर जाते हैं तो अक्सर यही देखने में आता है कि शैक्षिक रक्तदान के प्रति अभी भी लोगों में खास रुचि नहीं है या उन में जागरूकता की कमी है। जबकि रक्तदान से शरीर को कोई भी नुकसान नहीं होता है बल्कि सच तो यह है कि रक्तदान करने से व्यक्ति का शरीर पहले से और भी स्वस्थ रहता है। सबसे बड़ी बात यह है कि रक्तदान करने से व्यक्ति में हार्ट अटैक की संभावनाएं बहुत कम रहती है।
डॉ वी पी गुप्ता ने कहा कि आम जन के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आपके रक्तदान से किसी की जान बच सकती है। समय-समय पर व्यक्ति को रक्त की जांच भी करवाते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहरों में तो फिर भी रक्तदान के प्रति लोगों में जागरूकता बढी है जबकि गांवों  में अभी भी लोगों में स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति उदासीनता देखी गई है। अब हमें शहरों के साथ ही ज्यादा से ज्यादा गांव में जाना पड़ेगा और सुरक्षित रक्तदान के प्रति उनमें जागृति पैदा करनी होगी।
उन्होंने ब्लड को कैसे सुरक्षित एवं सुरक्षित रखा जा सकता है इसके लिए उन्होंने छोटी-छोटी जानकारी के माध्यम से विस्तार से ब्लड सेंटर्स को जानकारियां बताई। ब्लड लेते और देते समय मरीज का नाम पिता का नाम उसकी उम्र और उसका आधार कार्ड का रिकॉर्ड जरूर रखना चाहिए ताकि वह ब्लड भी सुरक्षित रहे और सही व्यक्ति को ही वह मिल सके। इंसानों से गलतियां होना स्वाभाविक है। इसलिए जो भी ब्लड लिया है या मरीज की जानकारी है उसकी दोबारा जांच भी जरूरी है ब्लड की क्रास चेकिंग करना भी बेहद आवश्यक है। इससे ब्लड और मरीज दोनों को सुरक्षित रखने में पूर्ण सहायता मिलेगी। तकनीकी सत्र का संचालन संयम सिंघवी ने किया


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