उदयपुर / विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के पूर्व दिवस पर रविवार को शहर के विभिन्न फिजियोथेरेपी महाविद्यालय की ओर से रिमझीम बारीश के बीच फतेहसागर की पाल पर आयोजित वोकाथन रेली का शुभारंभ राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत, प्राचार्य डाॅ. शैलेन्द्र मेहता , डाॅ. पल्लव भटनागर, डाॅ. जफर, डाॅ. टीना, डाॅ. युनुस, डाॅ. दीपक ने हरी झण्डी दिखा कर रवाना की। निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत ने बताया कि रेली मोतीमंगरी से प्रारंभ हुई जिसका समापन फतेहसागर की पाल पर हुआ। आयोजि समारोह को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि जीवन में सब कुछ संभव है यदि हेल्थ एक बार खराब हो जाती है तो उसे ठीक करने मे बडी मुश्ेिकल होती है। 21वीं सदी में फिजियोथेरेपी एक ऐसी देन है जिसके माध्यम से बिना किसी साईड इफेक्ट के गिरता हुआ स्वास्थ ठीक कर सकते है। नियमित अभ्यास के द्वारा रोगों से होने से भी बचा जा सकता है।
प्रो. सारंगदेव ने बताया है कि इस वर्ष की विश्व फिजियोथैरेपी फेडरेशन की थीम हेल्दी एजिंग जिसमें 60 साल की उम्र के बाद बुजुर्ग लोगों की समस्या का समाधान करना मुख्य रूप से आवश्यक बताया गया है। खेल में चोटिल व्यक्ति को बिना किसी दवा के फिजियोथेरेपिस्ट ही दौड़ा सकता है। रेली में राजस्थान विद्यापीठ, गीतांजली, पेसीफिक, सनराईज महाविद्यालय के विधार्थी एवं डाक्टर्स ने भाग लिया।