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देश-विदेश से आई टीमें पारंपरिक मेवाड़ी स्वागत से अभिभूत, उदयपुर बना खेल भावना का संगम स्थल “पधारो म्हारा देस” थीम के साथ सीबीएसई नेशनल शतरंज चैम्पियनशिप 2025-26 का आगाजः

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02 Sep 25
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देश-विदेश से आई टीमें पारंपरिक मेवाड़ी स्वागत से अभिभूत, उदयपुर बना खेल भावना का संगम स्थल “पधारो म्हारा देस” थीम के साथ सीबीएसई नेशनल शतरंज चैम्पियनशिप 2025-26 का आगाजः

झीलों की नगरी उदयपुर अब बुद्धि और रणनीति के खेल शतरंज का राष्ट्रीय मंच बन गई है। पहली बार सीबीएसई नेशनल शतरंज चैम्पियनशिप 2025-26 का आयोजन यहाँ हो रहा है, जिसकी मेजबानी एमडीएस पब्लिक स्कूल कर रहा है। प्रतियोगिता 2 सितम्बर से 5 सितम्बर तक चलेगी।
आज, 1 सितम्बर को देशभर और विदेशों से 100 से अधिक स्कूलों की 700 से अधिक खिलाड़ियों की टीमें उदयपुर पहुँचीं। विदेशी प्रतिनिधित्व में मस्कट, ओमान, दोहा ,कतर, दुबई, बहरीन एवं कुवैत सहित खाड़ी देशों की टीमें भी शामिल हैं।
मेवाड़ी परंपराओं में हुआ स्वागत
एमडीएस परिवार ने सभी खिलाड़ियों का अभिनंदन पारंपरिक मेवाड़ी आतिथ्य के साथ किया। ढोल-नगाड़ों की गूंज, लोक-संगीत की धुनें और तिलक-अभिनंदन ने खिलाड़ियों को राजस्थान की संस्कृति से रूबरू कराया। विदेशी खिलाड़ियों ने इस स्वागत को “अविस्मरणीय और आत्मीय अनुभव” बताया।
“पधारो म्हारा देस” थीम पर उद्घाटन समारोह
कल, 2 सितम्बर को होने वाले उद्घाटन समारोह का मुख्य आकर्षण राजस्थान की संस्कृति पर आधारित “पधारो म्हारा देस” थीम होगी। समारोह में मेवाड़ी परंपराओं की झलक और राजस्थान की धरोहर का भव्य प्रदर्शन होगा। उद्घाटन समारोह के प्रमुख अतिथि
मुख्य अतिथि: सांसद डॉ. मन्ना लाल रावत
विशिष्ट अतिथि: प्राग्या केववलरामणी (आईएएस, संभागीय आयुक्त, उदयपुर)
विशिष्ट अतिथि: नमित मेहता (आईएएस, जिला कलेक्टर, उदयपुर)
संस्थापक: डॉ. रमेश चंद्र सोमानी व श्रीमती  पुष्पा सोमानी
निदेशक एवं प्राचार्य  डॉ. शैलेन्द्र सोमानी ने बताया कि इस चार दिवसीय प्रतियोगिता में अंडर-11, अंडर-14, अंडर-17 और अंडर-19 वर्गों में शतरंज की बाजियां खेली जाएंगी। इसमें ग्रैंडमास्टर गुकेश के विद्यालय की टीम सहित देश- विदेश की कई प्रतिष्ठित स्कूल टीमें भी भाग लेंगी। चार दिन तक चलने वाली यह राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता उदयपुर को खेल, संस्कृति और परंपरा का संगम स्थल बना देगी।
विद्यालय निदेशक डॉ. शैलेन्द्र सोमानी ने कहा “यह अवसर न केवल उदयपुर बल्कि पूरे राजस्थान के लिए गौरव का क्षण है। प्रतियोगिता से खिलाड़ियों में रणनीति, अनुशासन और खेल भावना का विकास होगा, वहीं ‘पधारो म्हारा देस’ थीम उन्हें राजस्थान की संस्कृति और आतिथ्य से जोड़ने का अनूठा अनुभव देगी।”


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