उदयपुर।अखिल भारतीय साहित्य परिषद उदयपुर इकाई चित्तौड़ प्रांत एवं राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में लेखक श्री मदन जोशी" सार्थक" की पुस्तक" हार नहीं मानूँगा" का विमोचन एवं उस पर परिचर्चा का कार्यक्रम राजस्थान साहित्य अकादमी के पुस्तकालय भवन में संपन्न हुआ। शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। सुमन स्वामी ने सुमधुर स्वरों में माँ वीणा पाणी की वंदना की, तत्पश्चात परिषद गीत दीपा पन्त "शीतल", व डॉ प्रियंका भट्ट ने प्रस्तुत किया। प्रांत मीडिया प्रभारी डॉ कुंजन आचार्य ने कहा कि बेहतरीन सृजन का कोई विकल्प नहीं होता है। अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्होंने साहित्य अकादमी की साहित्यिक गतिविधियों में भूमिका की सराहना की। इसके पश्चात पुस्तक हार नहीं मानूँगा का भव्य विमोचन किया गया जिसमें अखिल भारतीय साहित्य परिषद के सदस्य गण, मंचस्थ अतिथि व लेखक के परिजन सम्मिलित हुए।
पुस्तक के समीक्षक के रूप में डॉ निर्मला शर्मा "नीलोफर", आशा पांडे 'ओझा आशा, डॉ कामिनी व्यास रावल ने विस्तृत विवेचना की। आशा पांडे ओझा आशा ने लेखक सार्थक के सुदूर क्षेत्र में निवास करते हुए पुस्तक लेखन के प्रयास की भूरी-भूरी सराहना की। लेखक मदन जोशी सार्थक ने पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि जीवन में जो व्यक्ति खुद पर भरोसा रखता है वह कभी हार नहीं सकता। जो व्यक्ति जितनी मेहनत करेगा वह उतनी सफलता पाएगा। विशिष्ट अतिथि डॉ भूपेंद्र शर्मा ने लेखक की कविताओं की सराहना की। राजस्थान साहित्य अकादमी के सचिव बसंत सिंह सोलंकी ने लेखक को बधाई देते हुए नए लेखकों के अकादमी से जुड़ने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ आशीष सिसोदिया ने कवि सार्थक की महत्वपूर्ण कविताओं का उल्लेख करते हुए उनके प्रथम प्रयास की सराहना की। मूल उदयपुर वर्तमान चेन्नई निवासी लेखक डॉ धींग ने अतिथि के तौर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लेखक को उसके प्रयासों के लिए साधुवाद दिया। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ बाल गोपाल शर्मा अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ब्लॉक फलासिया ने कहा कि लेखक ने ऊर्जा के साथ निरंतर लेखन कार्य किया है। ग्रामीण अंचल में बहुत सारी प्रतिभा छिपी हैं। परिषद का दायित्व है कि उन प्रतिभाओं को भी अवसर दें।
धन्यवाद प्रकाश तातेड़ ने ज्ञापित किया। जगदीश जोशी ने एक स्वरचित कविता के माध्यम से लेखक को शुभकामनायें दी। संचालन डॉ ममता पानेरी ने किया।
हार नहीं मानूंगा पुस्तक का लोकार्पण
उदयपुर, 13 अगस्त। अखिल भारतीय साहित्य परिषद उदयपुर इकाई चित्तौड़ प्रांत एवं राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में लेखक श्री मदन जोशी" सार्थक" की पुस्तक" हार नहीं मानूँगा" का विमोचन एवं उस पर परिचर्चा का कार्यक्रम राजस्थान साहित्य अकादमी के पुस्तकालय भवन में संपन्न हुआ। शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। सुमन स्वामी ने सुमधुर स्वरों में माँ वीणा पाणी की वंदना की, तत्पश्चात परिषद गीत दीपा पन्त "शीतल", व डॉ प्रियंका भट्ट ने प्रस्तुत किया। प्रांत मीडिया प्रभारी डॉ कुंजन आचार्य ने कहा कि बेहतरीन सृजन का कोई विकल्प नहीं होता है। अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्होंने साहित्य अकादमी की साहित्यिक गतिविधियों में भूमिका की सराहना की। इसके पश्चात पुस्तक हार नहीं मानूँगा का भव्य विमोचन किया गया जिसमें अखिल भारतीय साहित्य परिषद के सदस्य गण, मंचस्थ अतिथि व लेखक के परिजन सम्मिलित हुए।
पुस्तक के समीक्षक के रूप में डॉ निर्मला शर्मा "नीलोफर", आशा पांडे 'ओझा आशा, डॉ कामिनी व्यास रावल ने विस्तृत विवेचना की। आशा पांडे ओझा आशा ने लेखक सार्थक के सुदूर क्षेत्र में निवास करते हुए पुस्तक लेखन के प्रयास की भूरी-भूरी सराहना की। लेखक मदन जोशी सार्थक ने पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि जीवन में जो व्यक्ति खुद पर भरोसा रखता है वह कभी हार नहीं सकता। जो व्यक्ति जितनी मेहनत करेगा वह उतनी सफलता पाएगा। विशिष्ट अतिथि डॉ भूपेंद्र शर्मा ने लेखक की कविताओं की सराहना की। राजस्थान साहित्य अकादमी के सचिव बसंत सिंह सोलंकी ने लेखक को बधाई देते हुए नए लेखकों के अकादमी से जुड़ने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ आशीष सिसोदिया ने कवि सार्थक की महत्वपूर्ण कविताओं का उल्लेख करते हुए उनके प्रथम प्रयास की सराहना की। मूल उदयपुर वर्तमान चेन्नई निवासी लेखक डॉ धींग ने अतिथि के तौर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लेखक को उसके प्रयासों के लिए साधुवाद दिया। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ बाल गोपाल शर्मा अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ब्लॉक फलासिया ने कहा कि लेखक ने ऊर्जा के साथ निरंतर लेखन कार्य किया है। ग्रामीण अंचल में बहुत सारी प्रतिभा छिपी हैं। परिषद का दायित्व है कि उन प्रतिभाओं को भी अवसर दें।
धन्यवाद प्रकाश तातेड़ ने ज्ञापित किया। जगदीश जोशी ने एक स्वरचित कविता के माध्यम से लेखक को शुभकामनायें दी। संचालन डॉ ममता पानेरी ने किया।