उदयपुर, भारतीय सिनेमा के महानतम पार्श्वगायकों में से एक किशोर कुमार को उनके जन्मदिन की पूर्व संध्या पर उदयपुर की प्रतिष्ठित संस्था “वरिष्ठ सुरों की मंडली” ने उनके 30 सदा बाहर गानो से उन्हें जीवंत किया
सुरों की मंडली के संस्थापक मुकेश माधवानी ने बताया की शनिवार 3 अगस्त, मधुश्री ऑडिटोरियम, अशोका पैलेस में “एक शाम किशोर दा के नाम” कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें किशोर कुमार के 30 अमर गीतों को मंच पर जीवंत किया।
गायकों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले सभी 30 गाने
आईएएस जीतेन्द्र उपाध्याय - प्यार दीवाना होता है
श्रीमती ज्योति उपाध्याय - घुँघरू की तरह
क्वीना मेरी - आने वाला पल जाने वाला है
विमल शर्मा : रात कली इक ख्वाब में आई
एच. क़ाज़ी : ये जीवन है इस जीवन का यही है रंग रूप
हेमा जोशी - दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा
हिम्मत सिंह सिसोदिया - दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए
बृजलाल सोनी "मेवाड़"- मेरे नैना सावन भादो*
राज कुमार बापना..वो शाम कुछ अजीब थी
अजीत सिंह खीची - चलते चलते मेरे ये गीत
ओम प्रकाश गौड़ - मेरा जीवन कोरा कागज
के के खंडेलवाल -ओं मेरे दिल के चैन
नारायण लाल लोहार - ये दिल ना होता बेचारा
मनोहर लाल मुखिया- तेरे चेहरे मे वह जादू है
विष्णु वैष्णव - कन्हैया किसको कहेगा तू मैया
नारायण सालवी- आ चलके तुझे मैं लेके चलूं।
आर के नेभनानी - मेरे महबूब क़यामत होगी, आज रुसवा
महावीर प्रसाद जैन - मेरे सपनों की रानी
विजया आमेटा : ओ साथी रे
ललित कुमार जैन - पल भर के लिए कोई हमें प्यार कर ले
शंकर लाल जीनगर - जिंदगी के सफऱ में गुज़र
प्रहलाद बालचंदानी - छू कर मेरे मन को
अंबालाल साहू - जीवन से भरी तेरी आंखें
अशोक परियाणी - देख सकता हूं में कुछ भी होते हुए
राजीव शेखर माथुर: फूलों के रंग से दिल की क़लम से
नूतन वेदी--ये रातें ये मौसम नदी का किनारा
कमल जुनेजा - जिंदगी प्यार का गीत हैं
ईश्वर जैन - आपके अनुरोध पर
विनोद कुमार - जिंदगी आ रहा हूँ मैं
नरेंद्र जैन - जाने मन जाने मन
मुख्य अतिथि: आईएएस जीतेन्द्र उपाध्याय एवं आईएएस मुनीश गोयल ने कार्यक्रम की सपत्नीक शोभा बढ़ाई |
मीडिया प्रभारी प्रो. विमल शर्मा ने बताया कि इस तरह के आयोजनो से न केवल वरिष्ठ नागरिकों की सांगीतिक प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मंच मिलता है , बल्कि श्रोताओं के लिए भी यह एक जीवंत और यादगार संगीतमय अनुभूति होती हैं |
कार्यक्रम संचालन मैं प्रोफेसर विमल शर्मा, क्वीना मेरी, हेमा जोशी, हिम्मत सिंह सिसोदिया, एच काज़ी सहित कार्यकारिणी का सक्रिय सहयोग रहा|
आगामी कार्यक्रम के तहत 14 अगस्त "एक शाम शहीदों के नाम" आयोजित होगा|