उदयपुर। डबोक स्थित तुलसीदास जी की सराय श्री कुंदकुंद कहान शाश्वत पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा संचालित (शाश्वत धाम)जैन दर्शन कन्या महाविद्यालय (बालिका गुरुकुल) द्वारा षट आवश्यक हैं अति आवश्यक तृतीय शाश्वत संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें प्रेरणा व प्रियल श्रेष्ठ वक्ता रही।
शाश्वत धाम के मंत्री डॉ जिनेंद्र शास्त्री ने बताया की ’वक्त्रियाँ एवं विषय’ शाश्वत आदिता जैन, कोटा’ (कक्षा-8) आवश्यक क्या है विषय पर, शाश्वत प्रियांशी जैन, बकस्वाहा’ ( कक्षा-9) विषय देव पूजा, शाश्वत प्रेरणा जैन, बकस्वाहा’ (कक्षा-10) विषय गुरु उपासना,शाश्वत गाथा जैन, इंदौर’ (कनिष्ठ उपाध्याय), विषय स्वाध्याय,शाश्वत अनुभूति जैन, अभाना’ (कनिष्ठ उपाध्याय) विषय संयम, शाश्वत अर्पिता जैन, बेलगाँव (कर्नाटक)’ ( वरिष्ठ उपाध्याय), विषय तप, शाश्वत प्रियल जैन, इंदौर’ ( वरिष्ठ उपाध्याय), विषय दान, आवश्यक (षट्) हैं अति आवश्यक विषय गोष्ठी सम्पन्न हुई। शाश्वत धाम में अध्ययनरत एमडीएस एवं उपाध्याय वर्ग की कुल 7 बालिकाओं ने इस संगोष्ठी में अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये। शाश्वत तनीषा जैन, श्योपुर कनिष्ठ उपाध्याय द्वारा किये मंगलाचरण से संगोष्ठी का प्रारंभ हुआ। संगोष्ठी में अध्यक्षता पं. सुरेश जी शास्त्री, एवं निर्णायक पद ’पं. गजेंद्र शास्त्री, उदयपुर थे। संगोष्ठी में श्रेष्ठ वक्त्री के रूप में ’शाश्वत प्रेरणा जैन, बकस्वाहा, कक्षादृ10 एवं शाश्वत प्रियल जैन, इंदौर, वरिष्ठ उपाध्याय’ को चुना गया। संगोष्ठी का सफल संचालन ’शाश्वत गरिमा जैन, अभाना - शास्त्री तृतीय वर्ष’ द्वारा किया गया। अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन के पश्चात् पं. अमित शास्त्री द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया।