उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कॉलेज ऑफ डेयरी एंड फूड टेक्नोलॉजी में आयोजित नव-नियुक्त शिक्षकों के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में वरिष्ठ समाजसेविका एवं शिक्षाविद् डॉ. राजश्री गांधी ने "Public-Private Partnership (PPP) – डेयरी एवं फूड टेक्नोलॉजी में संभावनाएं और ज़रूरतें" विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि यह मॉडल केवल एक योजना नहीं, बल्कि शिक्षा, तकनीक और समाज के बीच सहयोग का सशक्त सेतु है। यदि शिक्षण संस्थान अनुसंधान का केंद्र हैं, तो उद्योग उन शोधों को समाज तक पहुँचाने का माध्यम बन सकते हैं।"
डॉ. गांधी ने स्पष्ट किया कि डेयरी और फूड टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में PPP मॉडल के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, किसानों को लाभकारी मूल्य प्राप्त होंगे, और नव-नियुक्त शिक्षकों को विद्यार्थियों को उद्योगों से जोड़ने में नई दिशा मिलेगी। उन्होंने आह्वान किया कि शिक्षकों को चाहिए कि वे अपने शिक्षण में PPP की भावना को आत्मसात करें और शैक्षणिक संस्थानों को सामाजिक व औद्योगिक वास्तविकताओं से जोड़ें।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष अधिष्ठाता डॉ. लोकेश गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए नव-नियुक्त शिक्षकों को संबोधित किया और कहा कि PPP मॉडल डेयरी एवं फूड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नवाचार, सहयोग और तकनीकी विकास के लिए अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने इसे भविष्य की दिशा तय करने वाला एक सशक्त माध्यम बताया।
विशेष आकर्षण के रूप में PPP आधारित शॉर्ट्स और स्लोगन प्रस्तुत किए गए। संवादात्मक सत्र में नव-नियुक्त शिक्षकों ने डेयरी एवं फूड टेक्नोलॉजी के विविध पहलुओं पर प्रश्न किए, जिनका उत्तर डॉ. गांधी ने सहजता से देकर सभी को संतुष्ट किया।
कार्यक्रम का समापन प्राचार्य डॉ. निकिता वधावन द्वारा आभार एवं धन्यवाद् दे कर हुआ |