गोपेन्द्र नाथ भट्ट
जोधपुर के निकट पचपदरा में बन रही राजस्थान की महत्वाकांक्षी तेल रिफाइनरी और पेट्रोकॉम्प्लेस पश्चिम राजस्थान की सीरत और सूरत बदले के लिए तैयार है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पूरा इलाका निकट भविष्य में राजस्थान का दुबई बनेगा। साथ ही देश में भौगोलिक दृष्टि सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान की आर्थिक प्रगति का मुख्य सूत्रधार बनने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना के अनुरूप @2047 में भारत के स्वाधीनता दिवस की सौंवी वर्ष गांठ पर विकसित भारत के लक्ष्यों की पूर्ति में भी भागीदार बनेगा।
पचपदरा में बन रही राजस्थान की महत्वाकांक्षी तेल रिफाइनरी और पेट्रोकॉम्प्लेस का कार्य तेज गति से चल रहा है। यह अति महत्वपूर्ण परियोजना राजस्थान और भारत सरकार का ज्वाइंट प्रोजेक्ट है। राजस्थान के खान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने तेल रिफाइनरी की प्रगति को समीक्षा करते हुए बताया है कि बताया कि हिन्दुस्तान पेट्रोलियम राजस्थान रिफाइनरी में 87.9 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है । उन्होंने बताया कि रिफाइनरी की 10 प्रोसेस इकाइयों का करीब 94 से 98 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया है। उन्होंने सल्फर रिकवरी यूनिट के कार्य में भी तेजी लाने के निर्देश दिए गए है। प्रमुख सचिव ने शुक्रवार को सचिवालय में रिफाइनरी के अधिकारियों के साथ विस्तार से प्रगति समीक्षा की। उन्हांने रिफाइनरी कार्य में और अधिक तेजी लाने के निर्देश के साथ ही रिफाइनरी और आसपास के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर पौधारोपण के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पौधारोपण के लिए भी कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाएं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं रिफाइनरी क्षेत्र का दौरा कर रिफाइनरी परिसर में अधिकारियों से बैठक कर रिफाइनरी कार्य में तेजी लाने का निर्देश देते रहे हैं। परियोजना क्षेत्र में करीब 87.9 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। रिफाइनरी सेक्शन में एसआरयू यूनिट को अलग कर 96.9 प्रतिशत कार्य हो गया हैं। वहीं पेट्रोकेमिकल सेक्शन क्षेत्र और सल्फर रिकवरी यूनिट के काम में तेजी लाने और कार्य की गुणवत्ता पर जोर दिया है। टी. रविकांत ने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के साथ ही इससे प्रदेश के औद्योगिक व आर्थिक विकास में चार चांद लग जाएंगे। एचपीसीएल और राजस्थान सरकार की संयुक्त उद्यम कंपनी एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) द्वारा पचपदरा बाड़मेर में 9 मिलियन टन वार्षिक क्षमता की बीएस-6 मानक की अत्याधुनिक राजस्थान रिफाइनरी के काम में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि क्रूड/वैक्यूम डिस्टीलेशन यूनिट एवं डिलेड कॉकर यूनिट का करीब 95. 5 प्रतिशत, हाइड्रोजन जनरेशन यूनिट और डीजल हाइड्रोजन यूनिट का 98.7 प्रतिशत से अधिक और वीजीओ-एचडीटी यूनिट आदि का काम 95.3 फीसदी से अधिक काम हो चुका है।
बैठक में एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी के निदेशक एस. भारतन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी शकमलाकर विखार ने रिफाइनरी के विभिन्न इकाइयों के निर्माण कार्य और मैकेनिकल कार्यों की प्रगति की विस्तार से जानकारी दी।निदेशक पेट्रोलियम अजय शर्मा ने बताया कि रिफाइनरी में विश्वस्तरीय उत्पाद तैयार होंगे।
राजस्थान में तेल रिफाइनरी और पेट्रो कॉम्पलेक्स एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो राज्य के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। इस परियोजना के तहत, पचपदरा में एक तेल रिफाइनरी और पेट्रो कॉम्पलेक्स स्थापित किया जा रहा है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में मदद करेगा। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।पश्चिम राजस्थान केपेट्रोलियम सहायक उद्योगों के हब के रूप में उभरने की संभावना है। बीएस-6 मानक के पेट्रोलियम उत्पादों से पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी
कुल मिलाकर राजस्थान रिफाइनरी परियोजना राज्य के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। परियोजना से राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे, और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। परियोजना की प्रगति की समीक्षा करने और अधिकारियों को निर्देश देने से परियोजना को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी।