कोटा,जुलाई कोटा शहर में स्कूल के वाहनों में गाइडलाइन की शक्ति से पालना करने का मामला अदालत में पहुंच गया है। . इस मांग को पूरा करवाने को लेकर वकील सहित चार जनों ने स्थाई लोग अदालत में दायर की है। . इस पर लोक अदालत ने जिला कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कोटा प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कोटा एवं यातायात डीएसपी को नोटिस जारी किए हैं। इसके साथ ही उनसे जवाब तलब किया है। याचिका पर सुनवाई 8 अगस्त को होगी। .
वकील लोकेश कुमार सैनी, क्राइम रिपोर्टर जगदीश अरविंद, स्वतंत्र पत्रकार धर्मबंधु आर्य एवं जगदीश प्रसाद नायक ने याचिका में बताया कि स्कूली बच्चे जिस वैन या ऑटो में स्कूल जाते हैं। वह तकनीकी रूप से फिट नहीं है। . कोटा शहर में हजारों बिना किसी नियम एवं कायदे से संचालित हो रहे हैं। .। अधिकांश स्कूली वाहनों के पास ना तो बालवाहिनी का परमिट है और ना हीं फिटनेस सर्टिफिकेट एवं बीमा आदि है।. उन्होंने बताया कि कोटा शहर में लगभग 10000 वैन और ऑटो स्कूल परिवहन के रूप में उपयोग हो रहे हैं।. जो एमवी एक्ट की पालना नहीं कर रहे हैं.।
उन्होंने बताया कि फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य स्कूल वाहन को तकनीकी रूप से फिट होना चाहिए बाल वाहिनी परमिट होना चाहिए. बीमा एवं पीयूसी सर्टिफिकेट सभी दस्तावेज समय पर समय पर रिन्यू होना चाहिए । क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाना नियमो के विरूद्ध है. फर्स्ट एड बॉक्स फायर उपकरण वहां में आपातकालीन उपकरण वाहन में आपातकालीन उपकरण आवश्यक है. वाहन के बाहर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए चालक का लाइसेंस और पुलिस वेरिफिकेशन सीसीटीवी और जीपीएस जैसी सुरक्षा व्यवस्थाएं होना आवश्यक है । उन्होंने बताया कि कोटा शहर में संचालित अधिकांश स्कूल बाल वाहिनियां सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की पालना नहीं कर रही है।. स्कूल की छुट्टी होने के बाद छोटे-छोटे बच्चों को ऑटो रिक्शा के पीछे ढूँस ढूँस कर बैठाया जाता है। . बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के घर तक छोड़ा जाता है। . अधिकतर वाहनों में इन आवश्यकताओं में से कोई भी सुविधा नहीं है। .