जैसलमेर, राज्य सरकार द्वारा संचालित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा शिविर राजस्व के मामलों में काश्तकारों के लिए वरदान साबित हो रहे है। शिविरों के माध्यम से वर्षो से सामलाती भूमि का बंटवारा होने से आपस में परिवारों चल रहे मन-मुटाव समाप्त होकर भाईचारा एवं आपसी प्रेमभाव बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार गरीब, वंचित एवं अन्त्योदय परिवारों के पात्र लाभार्थियों को राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए कृत संकल्पित भाव से कार्य कर रही है।
राज्य सरकार का इन शिविरों के आयोजन का मुख्य उद्वेश्य हैं कि पंक्ति में खड़े अंतिम वास्तविक पात्र व्यक्ति तक इन जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। शिविरों में बड़ी संख्या में परिवादी अपनी परिवेदानाएं लेकर पहुंच रहे है एवं शिविर में मौके पर ही परिवेदनाओं के निस्तारण पर उनके चेहरों पर खुशी देखी जा सकती है। शिविर में लोगों की समस्याओं का समाधान होने पर सरकार के प्रति आमजन का विश्वास भी बढ़ रहा है एवं वे इसके लिए मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन का सहृदय से खुशी के साथ आभार भी प्रकट कर रहे है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा के तहत जैसलमेर जिले की ग्राम पंचायत माड़वा में शिविर आयोजित किया गया जिसमें ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर अपनी समस्याओं से संबंधित अधिकारियों को अवगत करवाया। शिविर के दौरान अधिकारियों ने पूर्ण संवेदना के साथ नियमानुसार उनकी समस्याओं का मौके पर ही उचित समाधान किया। शिविर के दौरान खेत की खातेदारी बंटवारा संबंधी एक विवाद सामने आया। उपखण्ड अधिकारी भणियाणा महेश चन्द्र मान ने प्रकरण की गंम्भीरता को समझते हुए इस संबंध में उन्होंने शिविर प्रभारी भूपेन्द्र कुमार सेेजू, भणियाणा तहसीलदार को इस समस्या के त्वरित समाधान के लिए निर्देशित किया। उन्होंने बताया कि लाभार्थी केशुराम, खेमाराम पिता अम्बूराम, रुखमों पत्नी माधुराम जाति सुथार निवासी माड़वा के मध्य खेत की खातेदारी बंटवारा संबंधी विवाद जो कि लम्बे समय से चल रहा था, वे इस बंटवारे को लेकर अत्यंत परेशान थे।
लाभार्थियों ने बताया कि जब उन्हें ग्राम पंचायत में इस शिविर के बारे में मालूम हुआ तो उन्होंने शिविर पहुंच कर संबंधित अधिकारियों को अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। संबंधित अधिकारियों ने इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए संबंधित पार्टियों को एक ही जाजम पर बैठा कर आपसी सहमति से इस विवाद का निपटारा करवाया। खातेदारों ने बताया कि हर वर्ष आपसी कब्जे को लेकर उनके बीच आपसी विवाद हो जाया करता था। लेकिन राज्य सरकार द्वारा संचालित अन्त्योदय शिविरों की बदोलत हमेशा-हमेशा के
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