उदयपुर, देश में सुख-शांति और अच्छी वर्षा की कामना को लेकर शिव महोत्सव समिति द्वारा आयोजित 20वीं कांवड़ यात्रा मंगलवार को भव्यता और उल्लास के साथ निकाली गई। यह यात्रा उदयपुर के ऐतिहासिक गंगोद्भव कुंड से प्रारंभ होकर 21 किलोमीटर की पदयात्रा के पश्चात उभयेश्वर महादेव मंदिर पहुंची, जहां 13 हजार से अधिक कांवड़ियों ने सात पवित्र नदियों के जल से महादेव का रुद्राभिषेक किया।
भक्तों का उमड़ा सैलाब, महिलाओं की रही प्रमुख भागीदारी
यात्रा में महिला-पुरुषों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में एवं पुरुष सफेद वस्त्र धारण कर जयकारों के साथ नाचते-गाते चल रहे थे। शोभागपुरा मित्र मंडल द्वारा 51 किलो जल की विशेष कांवड़ यात्रा में ले जाई गई। कांवड़ कम पड़ने के कारण कई भक्तों को प्लास्टिक की थैली में गंगाजल दिया गया, जिसके लिए मंदिर परिसर में लोटे की विशेष व्यवस्था की गई।
पवित्र जल से हुआ अभिषेक, विद्वान पंडितों द्वारा महारुद्राभिषेक
उभयेश्वर मंदिर में 21 विद्वान पंडितों के सानिध्य में हवनात्मक महारुद्राभिषेक संपन्न हुआ। प्रमुख यजमानों में समाजसेवी वरदीचंद चौधरी सहित अनेक गणमान्यजन सम्मिलित रहे। पूजा विधि अनुसार तांबे के बड़े कलश में गंगोत्री, यमुनोत्री, मानाबॉर्डर, सरस्वती, कैलाश मानसरोवर, भागीरथी और मंदाकिनी के जल से महादेव का विशेष जलाभिषेक किया गया।
सात दिवसीय समारोह में हुआ स्वागत, पुष्प वर्षा और भण्डारे की रही विशेष व्यवस्था
यात्रा के दौरान रास्ते भर सामाजिक व धार्मिक संगठनों द्वारा पुष्प वर्षा के साथ स्वागत द्वार लगाए गए। रास्ते में कांवड़ियों के लिए जल, बिस्किट, कुल्फी, नींबू पानी, फल, चाय व नाश्ते की व्यवस्था की गई। इस दौरान 25,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने विशाल भण्डारे में प्रसाद ग्रहण किया।
पुलिस प्रशासन रहा पूरी तरह मुस्तैद
यात्रा की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन चाकचौबंद नजर आया। महिला पुलिस, मोटरबाइक और पैदल पुलिसकर्मी पूरे रास्ते कांवड़ियों के साथ तैनात रहे। जाम की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए।
विशेष अतिथियों की उपस्थिति और आयोजनकर्ताओं का समर्पण
यात्रा का शुभारंभ विधिवत पूजा-अर्चना के साथ महंत इन्द्रदेवदास, नारायण दास, डॉ. आनंद पालीवाल, गजपाल सिंह राठौड़, ममता कुंवर, फतेह सिंह राठौड़ सहित अनेक प्रमुखजनों द्वारा किया गया। संयोजक एडवोकेट रामकृपा शर्मा ने बताया कि इस बार 11,000 कांवड़ तैयार की गई थीं, जो जनसैलाब के सामने अपर्याप्त रहीं।
भजन संध्या व कार्यकर्ताओं का सम्मान
उभयेश्वर सत्संग मंडल द्वारा मंदिर परिसर में माता की झांकियों एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया। मंडल अध्यक्ष देवी सिंह सिसोदिया ने सात दिवसीय आयोजन में अहम भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं को उपरणा और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
स्वागत करने वाले प्रमुख संगठनों में शामिल रहे:
आयड़ हिंदू संगठन, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग सेना मेवाड़, सिंधी समाज, श्रीराम बजरंग सेना, श्रीकृष्णा डेयरी, विप्र फाउंडेशन युवा प्रकोष्ठ, भाजपा शहर एवं देहात इकाई, वाल्मीकि समाज, ब्रह्मपोल व्यापार मंडल, धर्मोत्सव समिति, साहू समाज, नाकोड़ा टेंट, इंडियन ग्रुप मल्लातलाई, कुमावत समाज सहित अनेक सामाजिक संगठनों ने कांवड़ियों के स्वागत और सेवा में भागीदारी निभाई।
इस अद्वितीय आस्था यात्रा में श्रद्धा, सेवा, और संगठन की अद्वितीय मिसाल देखने को मिली। महादेव के जयकारों से झीलों की नगरी से लेकर पहाड़ों तक शिवमय वातावरण गूंज उठा।