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शुगर को यूनानी चिकित्सा की दवा , नित्य अभ्यास और पौषण से नियंत्रित : डॉ लियाक़त अली मंसूरी 

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31 Aug 25
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शुगर को यूनानी चिकित्सा की दवा , नित्य अभ्यास और पौषण से नियंत्रित : डॉ लियाक़त अली मंसूरी 

  वर्तमान की दौड़ में व्यक्तियों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें शुगर भी हो गई है । जब मरीज़ किसी चिकित्सक के पास जाता हैं तो उसे जाँचों के द्वारा शुगर होने की जानकारी दी जाती है । शुगर को नियंत्रित करने में यूनानी चिकित्सा की दवाईयां बहुत ही योगदान दे रही हैं , मरीज़ अन्य कई जगहों से दवाईयां लेने के बाद भी मरीज़ों में शुगर लेवल में बढ़ोतरी देखी जा रही है । अन्य चिकित्सा की दवाईयां धीरे धीरे कम करके बंद करवा दी जाती है और सिर्फ़ यूनानी चिकित्सा पर निर्भर करवाया जाता हैं शुगर नियन्त्रण के बाद यूनानी दवाईयां भी कम की जाती हैं ।  जब लोगों को शुगर में सुधार मिलने लगा तो मरीज़ अधिक संख्या में यूनानी चिकित्सा की ओर बढ़ने लगे हैं । यह भी देखा गया कि अन्य चिकित्साएँ कराने के साथ साथ उन दवाइयों का कई तरह के साईड इफ़ेक्ट देखने को मिले जैसे अंगों में सुन्नपन, थकान, लैंगिक कमी, तनाव, नींद की कमी, भूख में कमी, कमज़ोरी, आँखों और दिमाग़ में कमज़ोरी आदि दिखाई देते हैं जिससे वे सामान्य जीवन जीने में असक्षम से रहते हैं जबकि यूनानी चिकित्सा ऐसी हर्बल चिकित्सा है जो शुगर को नियंत्रित करके जीवन को सामान्य यापन के कार्य पूरा करने में सहयोग करती हैं । इस तरह से कई रोगी है जिनका उपचार नहीं होने पर वे सवाई मानसिंह अस्पताल में बाँगड़ परिसर के बेसमेंट में संचालित राजकीय यूनानी औषधालय में चिकित्सा पद्धति की ओर अधिक संख्या में मरीज़ अग्रसर हो रहें हैं


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