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भारतीय ज्योतिष-शास्त्र को मिले अंतरराष्ट्रीय मान्यता

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10 Jul 25
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भारतीय ज्योतिष-शास्त्र को मिले अंतरराष्ट्रीय मान्यता

नीति गोपेन्द्र भट्ट 
नई दिल्ली: प्रख्यात न्यूमरोलॉजिस्ट एवं वास्तु विशेषज्ञ श्रीमती संगीता शुक्ला ने भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से अपील की है कि वे भारत की प्राचीन वैज्ञानिक परंपराओं को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाने हेतु “अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष एवं न्यूमरोलॉजी दिवस” की घोषणा करें।
दिल्ली स्थित एक प्रमुख संगठन द्वारा न्यूमरोलॉजी और वास्तु के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए श्रीमती शुक्ला को हाल ही में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर देशभर से आए ज्योतिषाचार्यों और न्यूमरोलॉजिस्टों की सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें सरकार के स्तर पर राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए, जिससे इन प्राचीन शास्त्रों को सम्मान मिले, नैतिक आचरण को बढ़ावा मिले और इन्हें आधुनिक भारत की वैज्ञानिक सोच से जोड़ा जा सके।

उन्होंने कहा कि “ज्योतिष और न्यूमरोलॉजी केवल आस्था या विश्वास नहीं, बल्कि गणितीय और खगोलीय सिद्धांतों पर आधारित प्राचीन भारतीय विज्ञान हैं,” “ये जीवन, स्वास्थ्य, करियर और व्यापार जैसे कई क्षेत्रों में दिशा और संतुलन प्रदान करते हैं।”

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि वर्तमान में देशभर में लाखों ज्योतिष, न्यूमरोलॉजी और वास्तु विशेषज्ञ कार्यरत हैं, जो इस "शांत अर्थव्यवस्था" में अपना योगदान दे रहे हैं। यदि इसे संगठित रूप में बढ़ावा दिया जाए, तो यह क्षेत्र हजारों रोजगार पैदा कर सकता है, ग्रामीण ज्ञान परंपराओं को सशक्त बना सकता है और भारत को वैश्विक स्तर पर नेतृत्व प्रदान कर सकता है।
श्रीमती शुक्ला ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रमाणित पाठ्यक्रम, डिप्लोमा और शोध कार्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उनका मानना है कि इससे इन विषयों को शैक्षणिक मान्यता मिलेगी, और एक नवीन, प्रशिक्षित पीढ़ी इस प्राचीन धरोहर को वैज्ञानिक और जिम्मेदार तरीके से आगे बढ़ा सकेगी।

उन्होंने कहा कि “अब समय है कि हम अपने अतीत की संपदा को भविष्य की दिशा से जोड़ें। विकसित भारत @2047 की परिकल्पना तभी पूरी होगी जब हम अपनी आध्यात्मिक सॉफ्ट पावर को आधुनिक दृष्टि से जोड़ सके।


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