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हिंसा की आग में झोंकना चाहते हैं फिल्म महाराज के मेकर्स : राजीव लोचन महराज .

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20 Jun 24
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हिंसा की आग में झोंकना चाहते हैं फिल्म महाराज के मेकर्स : राजीव लोचन महराज .

           नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने को तैयार और लगातार तीन दिनों से टल रहे रिलीज को लेकर फ़िल्म महाराज को लेकर निर्माताओं में काफी बेचैनी देखी जा रही है । इस फ़िल्म से विवादों में आया जुनैद खान का फिल्मी कैरियर भी शुरू होने से पहले खत्म होता हुआ नज़र आ रहा है जिससे फ़िल्म इंडस्ट्री की एक बड़ी लॉबी किसी भी कीमत पर इस फ़िल्म को रिलीज करने के लिए बेचैन प्रतीत हो रही है । इसके लिए इनलोगों ने मुकुल रोहतगी जैसे बड़े लॉयर को हायर किया है जिन्होंने अदालत में अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर बड़ी ही वाहियात दलील देते हुए इस कुकृत्य को भगत सिंह के आज़ादी की लड़ाई से जोड़ने की गुस्ताख़ी भी कर दिया है । वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयाइयों को इस फ़िल्म में दिखाए गए कुछ दृश्यों और संवादों से प्रत्यक्ष रूप से आपत्ति है और इनकी मांग है कि फ़िल्म को रिलीज करने से पहले या तो इन दृश्यों को सेंसर किया जाए या फिर फ़िल्म के रिलीज की ही इजाज़त नहीं दी जाए। 
                               वैष्णव परम्परा से ताल्लुकात रखने वाले राजीव लोचन महराज ने स्पस्ट रूप से कहा है कि नेटफ्लिक्स, यशराज फिल्म्स और आमिर खान की नीयत सही नहीं लग रही है । ये लोग देश को दंगे की आग में झोंकना चाहते हैं । जिनको यदि ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर फिल्में बनाने का इतना ही शौक है तो आजतक देश के विभाजन विभीषिका पर फ़िल्म क्यों नहीं बनाए ? बंगाल में हुए इतिहास के सबसे बड़े नरसंहार डायरेक्ट एक्शन डे पर फ़िल्म क्यों नहीं बनाए ? ये लोग हलाला और एक से अधिक विवाह पर फ़िल्म क्यों नहीं बनाया ? एक सनकी ब्रिटिश जज द्वारा दिये गए निर्णय को आधार मानकर जो ये लोग फ़िल्म बनाये हैं उसमें कोई भी सच्चाई नहीं है और हम इसको किसी भी कीमत पर रिलीज नहीं होने देंगे । नेटफ्लिक्स एक विदेशी चैनल है लेकिन यशराज फिल्म्स तो भारत की कम्पनी है , यदि इनको भी देश की जनता की भावनाओ की कद्र नहीं करनी है तो इनके ऊपर भी प्रतिबंध लगा देना चाहिए , क्योंकि आमिर खान को तो अपने बेटे को किसी भी कीमत पर लॉन्च करना है इसीलिए उनकी छटपटाहट अधिक दिखाई पड़ती है। हम वैष्णव परम्परा को मानने वाले हिन्दू सनातन धर्म के अनुयायी हैं , हम हिंसा में विश्वास नहीं रखते लेकिन जहां धर्म की रक्षा की बात आएगी वहाँ हम पीछे भी क्यों हटेंगे ?


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