उदयपुर / राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक फिजियोथेरेपी चिकित्सा महाविद्यालय के नव आगन्तुक विद्यार्थियों के लिए महाविद्यालय के सभागार में आयोजित 15 दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम का आगाज करते हुए कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि जीवन में सफलता , असफलता जीवन का अंतिम पड़ाव नहीं है, पढ़ना, सीखना जीवन की सतत् प्रक्रिया है। जीवन के अंतिम पड़ाव तक मेहनत करनी चाहिए। दैनिक समय में से 30 मिनिट महापुरूषों व अन्य सफल व्यक्तियों की जीवनी पड़ने में निकाले। लक्ष्य निर्धारित, टाईम मैनेजमेंट, स्वयं के प्रति जिम्मेदार, आत्म अनुशासन के साथ जीवन में आगे बढ़ेेगे तो जीवन में कभी असफल नहीं होंगे। जीवन में सफलता का कोई शोर्ट कट नहीं होता। कनिठ परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। आज का युवा नम्बरों के पिछे भाग रहा है जीवन का उद्देश्य क्या वह भी उसे मालूूम नहीं है। इसलिए जीवन में व्यवहारिक ज्ञान भी नहीं है। प्रो. सारंगदेवोत ने भावी डाक्टर विद्यार्थियों को कहा कि आपका पेशा मानवीय संवेदनाओं का पेशा है दवा से पहले आपकी एक मुस्कान से मरीज ठीक हो सकता है।
उन्होंने कहा कि क्लास की पढाई से पहले विद्यार्थियों को फिजियोथेरेपी लेने का उनका क्या उद्देश्य है के बारे में बताया जायेगा। विद्यार्थियों को शहर में चल रही फिजियोथेरेपी ओपीडी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे सामुदायिक केन्द्रों का भ्रमण कराया जायेगा।
प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. शैलेन्द्र मेहता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए 15 दिवसीय प्रोग्राम की जानकारी दी। संचालन
डॉ. प्रज्ञा भटट् ने किया। समारोह में डॉ. विनोद नायर, डॉ. कार्तिक सुखवाल, डॉ. रोनिका सोनी, डॉ. प्रिया दाधीच, डॉ. चिराग पुर्बिया, डॉ. मानस रंजन सहित महाविद्यालय के अकादमिक कार्यकर्ता एवं विधार्थी उपस्थित थे।