उदयपुर / राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक महाविद्यालय परिसर में बुधवार को कुलाधिपति एवं कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर एवं कुलगुरू प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत के सान्निध्य संघन पौधारोपण का आगाज किया गया जिसके तहत 250 से अधिक फलदार, फूलदार और मौसमी पौधे लगाए गए। प्रमुख रूप से नीम, पीपल, जामुन, अमरूद, अनार, विशिष्ट सुगंधित पुष्प युक्त पौधे तथा खास तरह के विदेशी प्रजाति के पौधे भी लगाए गए।
कुलाधिपति भंवरलाल गुजर्र ने कहा कि वृक्षारोपण न केवल हरियाली बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक परिपक्व वृक्ष प्रतिवर्ष लगभग 21 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करता है और पर्याप्त ऑक्सीजन उत्पन्न करता है, जो लगभग 18 लोगों की वार्षिक आवश्यकता के बराबर होती है । इसके अलावा, वृक्ष हवा में मौजूद धूल, धुएं और अन्य हानिकारक कणों को भी अवशोषित करते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है ।
कुलगुरू प्रो. एस.एस सारंगदेवोत ने कहा कि पौधारोपण कार्यक्रम विद्यापीठ के तीनों परिसर में चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि हरियाली का मानव मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शोध बताते हैं कि हरे-भरे वातावरण में समय बिताने से तनाव, चिंता और अवसाद में कमी आती है, एकाग्रता में सुधार होता है, और समग्र मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है । यह पहल न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस पौधारोपण कार्यक्रम के माध्यम से विद्यापीठ ने न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया, बल्कि छात्रों और समुदाय के बीच प्रकृति के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता भी बढ़ाई है। यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगी।
इस अवसर पर अरावली हॉस्पिटल की सीईओ मेघना श्रीमाली, शेड्स ऑफ उदयपुर के गगन शर्मा, प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग, डाॅ. अमी राठौड़, डाॅ. बलिदान जैन, प्रो. गजेन्द्र माथुर, प्रो. आईजे माथुर, डाॅ. भूरालाल शर्मा, डाॅ. अमित दवे, डाॅ. रोहित कुमावत, डाॅ. हिम्मत सिंह चुण्डावत सहित कार्यकर्ताओं ने अपने नाम का पौधा लगा उसके संरक्षण का संकल्प लिया।