GMCH STORIES

बिना लाइसेंस/परमिट प्राप्त मूर्ति निर्माताओं या शिल्पकारों या कारीगरों पर होगी कार्यवाही

( Read 17249 Times)

27 Aug 25
Share |
Print This Page

आयुक्त नगर परिषद् बाॅसवाडा ने बताया कि 12 मई, 2020 को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए मूर्ति विसर्जन हेतु संशोधित दिशानिर्देशों अनुसार परिषद् क्षेत्र में लाइसेंस/परमिट केवल उन मूर्ति निर्माताओं या शिल्पकारों या कारीगरों को दिए जा सकते हैं जो गणेश चतुर्थी एवं दुर्गा पूजा जैसे महोत्सव से पहले मूर्तियों को बनाने में केवल पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक मिट्टी की सामग्री (लेकिन पीओपी या पकी हुई मिट्टी नहीं) का उपयोग करते हैं।
इसके अलावा, बड़े पैमाने पर निर्माता (एक दिन में 100 से अधिक मूर्तियाँ बनाने में शामिल) को परिषद् से निर्धारित शुल्क जमा कर पंजीकरण प्राप्त करना होगा। पंजीकृत मूर्ति निर्माता या शिल्पकार या कारीगर को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए मूर्ति विसर्जन हेतु संशोधित दिशानिर्देशों का पालन करना होगा इन दिशानिर्देशों की पालन में विफल रहने या पंजीकरण या अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने पर, पंजीकरण या दी गई अनुमति रद्द कर दी जाएगी, इसके अलावा मूर्ति निर्माता पर कम से कम दो साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया जाएगा और  जमा राशि जब्त कर ली जाएगी।
साथ ही आमजन एवं पुजा आयोजन समितियो से भी अपील की जाती है कि वे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मूर्ति विसर्जन के लिए जारी दिशानिर्देशों अनुसार केवल पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक मिट्टी की सामग्री (लेकिन पीओपी या पकी हुई मिट्टी नहीं) सेे बनी मूर्तियों का ही उपयोग करे। पारंपरिक रूप से, गणेश की मूर्तियाँ बनाने के लिए मिट्टी का उपयोग किया जाता है। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में, प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी), जो हल्का और सस्ता होने के कारण मूर्तियों को ढालने के लिए पसंदीदा सामग्री बन गcया है। पीओपी में जिप्सम, सल्फर, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे रसायन होते हैं। इन मूर्तियों को रंगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों में पारा, कैडमियम, आर्सेनिक, सीसा और कार्बन भी हो सकते हैं। इन मूर्तियों को सजाने के लिए प्लास्टिक और थर्मोकोल के सामान का उपयोग किया जाता है। ऐसी सामग्री जैव-निम्नीकरणीय नहीं होती, इसलिए जल निकायों में विसर्जित करने पर विषाक्त हो जाती है। इसलिए, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मूर्ति विसर्जन के लिए दिशानिर्देशों को विकसित करने की आवश्यकता महसूस की गई। ताकि गणेश पूजा एवं दुर्गा पूजा जैसे महोत्सव के दौरान प्लास्टर ऑफ पेरिस से निर्मित मूर्तियों के उपयोग से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रति प्रतिकूल प्रभाव को रोका जा सके।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like