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अपेक्स यूनिवर्सिटी, अचरोल में राष्ट्रीय खेल दिवस का भव्य आयोजन

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31 Aug 25
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अपेक्स यूनिवर्सिटी, अचरोल में राष्ट्रीय खेल दिवस का भव्य आयोजन

अचरोल (जयपुर) – अपेक्स यूनिवर्सिटी, अचरोल में राष्ट्रीय खेल दिवस के  अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर अजीत सिंह शेखावत थे। विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा मुख्य अतिथि का हार्दिक स्वागत किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की मूर्ति पर दीप प्रज्ज्वलन और भजन से हुई।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अशोक गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रोफेसर अमरिका सिंह ने मेजर ध्यानचंद की उपलब्धियों और उनके जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंग साझा किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मान्यता दी, जो अत्यंत स्वागत योग्य निर्णय है। साथ ही उन्होंने यह सुझाव दिया कि मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए, ताकि खेलों के प्रति सम्मान और भारत की विश्व स्तर पर प्रतिष्ठा और बढ़ सके।

डॉ. रवि यूनीवाल, चांसलर, अपेक्स यूनिवर्सिटी और विश्वविद्यालय के निदेशक ने राष्ट्रीय खेल दिवस पर छात्रों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि इस दिवस को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाकर खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय अपने छात्रों को खेलों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा।

मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर अजीत सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में जीवन के प्रेरक अनुभव साझा किए। उन्होंने कारगिल युद्ध (30 जून 1999 से लगभग 60 दिन तक) के महत्वपूर्ण घटनाक्रम और अपने नेतृत्व में हुई वीरतापूर्ण लड़ाईयों की कहानी छात्रों के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उन्होंने 18,000 फीट की ऊँचाई पर 150 सैनिकों के नेतृत्व में अभियान को सफल बनाया और कैसे मुस्लिम कंपनी ने पहले शिखर पर पहुँचकर युद्ध में नया आयाम जोड़ा।

ब्रिगेडियर अजीत सिंह ने फौजियों की प्रतिबद्धता और देशभक्ति के उदाहरण साझा किए और बताया कि युद्ध के दौरान सैनिकों का केवल एक लक्ष्य होता है – देश की रक्षा। उन्होंने अपने पिता, जो नेवी अधिकारी थे, से जुड़े प्रेरक प्रसंग भी छात्रों के साथ साझा किए।

छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा मोटिवेटर माता-पिता होते हैं और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आत्मविश्वास और संघर्ष का जीवन जीना आवश्यक है। उन्होंने यह भी साझा किया कि विशेष परिस्थितियों में उन्होंने सैनिकों को ओलंपिक में भेजने में सफलता प्राप्त की और भविष्य में विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के साथ ऐसे इंटरैक्शन आयोजित करेंगे।

कार्यक्रम में छात्रों ने संविधान की प्रस्तावना, मूल कर्तव्य और अधिकारों का संकल्प लिया, जिससे उनमें राष्ट्रीयता की भावना और भी प्रबल हुई। इस अवसर पर यह भी निर्णय लिया गया कि अचरोल में ब्रिगेडियर अजीत सिंह के मार्गदर्शन में विशेष प्रशिक्षण क्लास आयोजित की जाएगी, जिसमें आर्मी के अधिकारी छात्रों को प्रशिक्षण देंगे।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. अजीत, संस्थान के अतिथि ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कैलाश सैनी, डॉ. ओमवीर सिंह, डॉ. अशोक सदाना, डॉ. प्रिया मिश्रा और डॉ. राजेंद्र शर्मा भी उपस्थित रहे।


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