उदयपुर । क्वालिटी सर्कल फोरम ऑफ इंडिया (QCFI) के राजसमंद चैप्टर द्वारा “आत्मनिर्भर विकसित भारत” थीम पर दो दिवसीय 24वाँ अध्याय सम्मेलन उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स सभागार में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में देशभर के 17 प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़े 103 दलों के 372 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और औद्योगिक गुणवत्ता सुधार तथा नवाचार की दिशा में किए गए अपने उत्कृष्ट प्रयासों को साझा किया।
इस दो दिवसीय अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य उद्योग जगत में गुणवत्ता की संस्कृति को बढ़ावा देना, कर्मचारियों में सतत सुधार की भावना जगाना तथा क्वालिटी सर्कल, सिक्स सिग्मा, लीन मैन्युफैक्चरिंग, 5-S और सेफ्टी सर्कल जैसे प्रभावी औजारों के सफल प्रयोग को सामने लाना था। टीमों ने केस स्टडी के माध्यम से दिखाया कि कैसे छोटे-छोटे सुधार बड़े बदलाव ला सकते हैं—चाहे वह अपशिष्ट कम करने का प्रयास हो, ऊर्जा दक्षता में वृद्धि हो या फिर कार्यस्थल सुरक्षा में मजबूती।
इस सम्मेलन में विविध संस्थानों की सक्रिय भागीदारी रही जिसमें प्रमुख है - सिक्युर मीटर्स (उदयपुर) से 17 दल, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज़ से 11 दल, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड से सर्वाधिक 46 दल, एनटीपीसी से 5 दल, जेके लक्ष्मी सीमेंट (डबोक) से 2 दल, धरोहर से 2 दल, जेके लक्ष्मी सीमेंट (सिरोही) से 7 दल, लक्ष्मीपत स्कूल (सिरोही) से 2 दल, एनएलसी लिमिटेड (बीकानेर) से 2 दल, राष्ट्रीय केमिकल फर्टिलाइज़र से 5 दल, जेएस एनर्जी लिमिटेड (बाड़मेर) से 6 दल, आरएसडब्ल्यूएम से 1 दल और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स से 1 दल ने भाग लेकर आयोजन को राष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं QCFI उत्तर भारत के निदेशक श्री अविनाश उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा –
“यह सम्मेलन प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के विज़न के अनुरूप है। किसी भी राष्ट्र की असली ताकत केवल संसाधनों में नहीं होती, बल्कि उसकी गुणवत्ता सोच (Quality Mindset) में होती उन्होंने आगे कहा कि यह आयोजन कर्मचारियों और संगठनों को गुणवत्ता को जन-आंदोलन का रूप देने का अवसर देता है। है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में केवल गुणवत्ता ही हमें अलग पहचान दिला सकती है।”
यह मेरे लिए अत्यंत सम्मान का विषय है कि मैं आज क्वालिटी सर्कल फोरम ऑफ इंडिया, राजसमंद चैप्टर के तत्वावधान में आयोजित 24वें अध्याय अधिवेशन में उपस्थित हूँ। सबसे पहले मैं आयोजन समिति को हार्दिक बधाई देता हूँ, जिन्होंने 16 उद्योगों और 103 टीमों जैसे विविध और विशाल समूह को एक मंच पर लाकर ज्ञान, अनुभव और उत्कृष्टता की अद्भुत साझेदारी सुनिश्चित की है। किसी भी राष्ट्र की असली ताकत केवल उसके संसाधनों में नहीं होती, बल्कि उसकी गुणवत्ता सोच (क्वालिटी माइंडसेट) में होती है। हम जो भी उत्पाद बनाते हैं, जो भी प्रक्रिया सुधारते हैं और जो भी सेवा प्रदान करते हैं, उसमें हमारी गुणवत्ता संस्कृति झलकती है। भारत ने औद्योगिक प्रगति में उल्लेखनीय कदम बढ़ाए हैं, लेकिन वैश्विक प्रतिस्पर्धा के इस दौर में केवल गुणवत्ता ही हमें अलग पहचान दिला सकती है।
उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री मनीष गलुण्डिया ने विशिष्ट अथिति पद से संबोधित करते हुए कहा कि आज मुझे सबसे अधिक प्रेरित करने वाली बात यह है कि 103 टीमों ने अपने केस स्टडी प्रस्तुत किए हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि गुणवत्ता केवल प्रबंधन तक सीमित नहीं है, बल्कि संगठन के हर स्तर तक पहुँच चुकी है। एक छोटे कर्मचारी की सोच और एक अभिनव विचार लाखों रुपये बचा सकता है, दुर्घटनाएँ रोक सकता है और ग्राहकों को संतुष्ट कर सकता है – जो अकेला प्रबंधन कभी नहीं कर सकता। सिक्युर मीटर्स के श्री मोहम्मद रफी ने बताया कि पारंपरिक रूप से क्वालिटी सर्कल और लीन टूल्स को समस्या-समाधान का माध्यम माना जाता था, लेकिन आज यह नवाचार और रचनात्मकता के मार्ग भी हैं। यहाँ प्रस्तुत परियोजनाएँ केवल दोष दूर करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे स्वामित्व, गर्व और नवाचार की संस्कृति निर्माण करती हैं।यह अधिवेशन केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि विचारों और नवाचार का उत्सव है। मुझे पूरा विश्वास है कि यहाँ से मिले अनुभव इन दो दिनों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि आपके संगठनों में जाकर कई गुना प्रभाव डालेंगे। मैं आयोजन समिति को शुभकामनाएँ देता हूँ और प्रत्येक प्रतिभागी टीम को हार्दिक बधाई देता हूँ। आपके विचार ही भारत की गुणवत्ता का भविष्य आकार देंगे। उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने कहा कि 103 टीमों की भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि गुणवत्ता अब केवल प्रबंधन की सोच तक सीमित नहीं रही, बल्कि संगठन के हर स्तर तक पहुँच चुकी है।
जेके लक्ष्मी सीमेंट, सिरोही के यूनिट हेड श्री राजेश केसवानी ने कहा – “क्वालिटी सर्कल केवल उत्पादन सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कर्मचारियों को सशक्त बनाता है और संगठन को नई ऊर्जा प्रदान करता है।”
गीतांजलि ग्रुप के सीएचआरओ श्री राजीव पाण्ड्य ने कहा – “किसी भी संगठन की असली शक्ति उसके कर्मचारी होते हैं। क्वालिटी सर्कल कर्मचारियों की क्षमताओं को मंच देता है और उन्हें अपने काम में अधिक योग्य बनाता है ।”
विशिष्ट अतिथि श्री मुकुल जैन , प्लांट हेड जे के टायर कंकरोली टायर प्लांट ने कहा कि छोटे-छोटे सुधार बड़े परिणाम ला सकते हैं शिक्षा और उद्योग का संगम को आकार देने के लिए लक्ष्मीपत स्कूल जैसी शैक्षणिक संस्थाओं की भागीदारी का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षा और उद्योग का मेल ही भविष्य की मजबूती है। उन्होंने ने संस्थानों द्वारा प्रस्तुत केस स्टडी को आपसी ज्ञान वर्धन के मजबूत स्रोत बताया ।
छोटे-छोटे सुधार बड़े परिणाम ला सकते हैं। इस तरह कि सहभागिता आश्चर्य जनक परिणाम ला सकती है ”
टीमों ने चार्ट, मॉडल और मल्टीमीडिया के माध्यम से अपनी उपलब्धियाँ प्रस्तुत कीं। निर्णायकों और दर्शकों ने इन प्रस्तुतियों की सराहना की। समापन समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाली टीमों को सम्मानित किया गया। निर्णायक मंडल ने प्रस्तुतियों का मूल्यांकन नवाचार, वास्तविक परिणाम और प्रस्तुति कौशल के आधार पर किया।
इस दौरान 98 स्वर्ण पदक और 5 रजत पदक अतिथियों एवं निर्णायकों द्वारा प्रदान किए गए।
सम्मेलन की सफलता का श्रेय QCFI राजसमंद चैप्टर के चेयरमैन डॉ. नरेंद्र कुमार शर्मा, सचिव श्री एस.के. जगासिया, श्री दिनेश पानेरी, श्री अरविन्द पेमावत, श्री रमेश सुथार, श्री अजय नागर, श्री मलय गोरडिया, डॉ. महिमा बिरला, श्री नारायण माली, श्री यजुवेन्द्र श्रीवास्तव, श्रीमती दुर्गा शर्मा, डॉ. संज्ञा शर्मा, श्री मनोज जोशी, श्री राजीव भटनागर और श्री विनोद पुरोहित के सामूहिक प्रयासों को दिया गया।
दो दिवसीय यह सम्मेलन केवल एक प्रतियोगिता नहीं बल्कि नवाचार और विचारों का उत्सव रहा। प्रतिभागियों ने जो अनुभव और सीख यहाँ से प्राप्त किए, वे न केवल उनके संगठनों को बल्कि राष्ट्र को भी आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे।