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"मेवाड़ की भूमि संत परंपरा की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध रही है।" - डॉ. एम.एल. नागदा

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16 Sep 25
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"मेवाड़ की भूमि संत परंपरा की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध रही है।" - डॉ. एम.एल. नागदा

उदयपुर:  प्रख्यात चिंतक एवं दार्शनिक डॉ. एम.एल. नागदा ने कहा कि मेवाड़ की भूमि संत परंपरा की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध रही है। संतों ने यहां न केवल सामाजिक जागृति का कार्य किया, बल्कि भक्ति, समरसता और मानव मूल्यों की अलख भी जगाई।
डॉ. नागदा ने यह विचार मोंटेज ग्रुप के मासिक सत्र के दौरान मुख्य व्याख्यान के अन्तर्गत दिया। "मेवाड़ के लोक संत – बावजी चतरसिंह जी एवं संत भूरी बाई के विशेष संदर्भ में" विषय पर आयोजित विशेष सत्र के दौरान डॉ. नागदा ने अपने विचार रखते हुए डॉ. नागदा ने बावजी चतरसिंह जी को "जन-जागरण का प्रतीक" बताया। उन्होंने ग्रामीण समाज में व्याप्त अंधविश्वासों और कुरीतियों को दूर करने, सादगीपूर्ण जीवन जीने तथा श्रम और सेवा के महत्व को प्रतिपादित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ नागदा ने बावजी चतुर सिंह जी के साहित्यिक योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने स्वाभिमान को सर्वोपरि रखने की सीख देने के लिए लिखा,

"पर घर पग नी मेळणों, वना मान मनवार।
अंजन आवै देख’नै, सिंगल रो सतकार।"

तात्कालिक पराधीन भारत के निवासियों को अग्रेजों के विरुद्ध जगाते हुए लिखा,

"जागो जागो रे भारत रा वीरां जागो।
थांणों कठै केशरय्यो वागो।
थे हो पूत वणांरा जाया, (ज्यांरो) जश सुरगां तक लागो।"

प्रारंभ मे अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए उन्होंने संत भूरी बाई के संदर्भ मे कहा कि उनका जीवन स्त्री शक्ति, साधना और लोकमंगल का अद्वितीय उदाहरण है। उन्होंने लोकगीतों और भजनों के माध्यम से भक्ति और समाज सुधार का संदेश दिया, जिससे स्त्रियों के आत्मबल को नई दिशा मिली।

स्थानीय "टखमण -28" आर्ट गैलरी पर आयोजित इस विशेष सत्र मे विषय प्रवर्तन के दायित्व का निर्वहन डॉ कमल नाहर ने किया, अध्यक्षता प्रो सदाशिव श्रोत्रिय ने की तथा स्वागत एवं आभार संस्थापक डॉ परितोष दूगड़ ने दिया।

सत्र के अंत में श्रोताओं ने प्रश्न पूछकर विषय को और समृद्ध किया। कार्यक्रम में साहित्य, शिक्षा, समाजसेवा एवं मीडिया जगत से जुड़े विलास जानवे, किरण जानवे, शारदा भट्ट, एच एल कुणावत, बिंदु गुप्ता, ललित गुप्ता, मंजू दूगड़, संदीप पालीवाल, रमेश गर्ग, रेनू देवपुरा, ए एल दमामी, जमनालाल लोहार, लक्ष्मी नारायण दशोरा, वर्धमान मेहता, कमल सिंह राठौड़, केनी सेन, हिमान्जय दूगड़ सहित प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।


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