उदयपुर। ब्लड बैंक सोसायटी राजस्थान एवं सरल ब्लड सेंटर उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सरल ब्लड बैंक सेन्टर पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय अनवरत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। जिसमें राजस्थान के विभिन्न ब्लड बैंक के तकनीशिनों एवं विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि ड्रग लाईसैंस ऑथरिटी के ड्रग कन्ट्रोलर अजय फाटक, राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर प्रो.कर्नल एस एस सारंगदेवोत, आनंद अग्रवाल, हिमांशु शर्मा एवं सरल ब्लड बैंक सेंटर के संस्थापक मानद सचिव श्याम एस सिंघवी, राजस्थान ब्लड बैंक सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. वेदप्रकाश गुप्ता, मौजूद थे। समारोह का शुभारंभ सभी अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
ड्रग लाईसैंस ऑथरिटी के ड्रग कन्ट्रोलर अजय फाटक ने कहा कि बदलते दौर में टेक्नीशियन और टेक्नीशियन सुपरवाइजर से संवाद करना बेहद जरूरी है। किसी की जान बचाने के लिए रक्त से बड़ा और कोई उपाय नहीं है। सभी ब्लड सेंटर का कर्तव्य होना चाहिए कि वह पीड़ितों को गुणवत्तापूर्ण रक्त उपलब्ध करवाएं। अभी वर्तमान में 270 ब्लड सेन्टर राज्य में चल रहे हैं जिसमें सरकारी और निजी संगठन भी शामिल है। समय-समय पर इन सेन्टर्स की जांच भी होती रहती है। ब्लड सेंटर पर केवल मानव सेवा ही होनी चाहिए व्यवसाय नहीं। रक्त से अगर किसी की जान बचती है तो उनका विश्वास ब्लड सेंटर पर बढ़ता है और यही ब्लड सेंटर के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने ब्लड सेंटर से आह्वान किया वह अपने यहां पर एक रेट लिस्ट भी लगाए ताकि लोगों में विश्वास की भावना पैदा हो। ब्लड लेते समय और देते समय बेहद सतर्कता रखने की जरूरत होती है।
प्रोफेसर कर्नल एसएस सारंगदेवोत ने कहां की अगर हमें बदलाव लाना है तो परिवर्तन करना ही होगा जो समय के साथ परिवर्तन नहीं करते हैं वह अक्सर पीछे रह जाते हैं। उन्होंने रक्तदान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोई भी युद्ध हो, कोई महामारी हो या कोई प्राकृतिक आपदा हो उसमें जान बचाने का प्रमुख साधन अगर कोई होता है तो रक्त ही होता है। इसलिए सभी को रक्तदान का महत्व समझना जरूरी है। रक्तदान केवल रक्तदान ही नहीं होकर यह मानवता के लिए एक मिशन बनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें हमारे प्राचीन ज्ञान को हमेशा याद रखना चाहिए। आधुनिकता की दौड़ में अक्सर हम संवेदनाओं और सेवाओं को भूल जाते हैं, इससे हमें मानव सेवा में बड़ा नुकसान होता है। इसलिए आधुनिक दौर में रहते हुए भी हमें हमारी संवेदनाओं और सेवाओं को कायम रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम यह प्रयास करेंगे कि हमारे विश्व विद्यालय से हम 5- 6 हजार यूनिट रक्तदान करवा कर हम सरल ब्लड सेंटर को उपलब्ध करवा पाएंगे तो इससे बड़ी मानव सेवा हमारे लिए और हो नहीं सकती।
स्वागत उद्बोधन देते हुए श्याम एस सिंघवी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरल ब्लड बैंक पिछले 16-17 सालों से अनवरत चलता हुआ जनता के विश्वास पर खरा उतर रहा है। परिवर्तन सृष्टि का नियम है। बिना परिवर्तन के बदलाव लाना संभव नहीं है। हर समय टेक्नोलॉजी भी चेंज हो रही है। हमें भी बदलते समय के साथ उसे टेक्नोलॉजी को अपनाना होगा। सरल ब्लड सेंटर अपने शुरुआती दौर में जिन उद्देश्यों और सिद्धांतों को लेकर चला था वह आज भी कायम है। हमारा उद्देश्य केवल रक्त संग्रहण करना और उसे देना मात्र ही नही ंहै। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारा संग्रहित रक्त वास्तविक गरीब और जरूरतमंदों तक पहुंचे और हम यही कार्य पिछले 17 सालों से करते आ रहे हैं।
डॉ.वीपी गुप्ता ने कहा कि देश में प्रतिवर्ष 15 लाख यूनिट रक्तदान की आवश्यकता होती है जिसमें से विभिन्न रक्तदन श्विरों से 13 लाख यूनिट रक्त ही एकत्रित हो पाता है। जिस कारण प्रतिवर्ष 2 लाख यूनिट रक्त की कमी हर समय रहती है। जिसकी पूर्ति हम गांवों में रक्तदान शिविर आयोजित कर कर सकते है क्योंकि आज भी गांवों में रक्तदान के प्रति जागरूकता की कमी है। कार्यक्रम का संचालन सह सचिव संयम सिंघवी ने बताया।
समारोह में उदयपुर, भीलवाड़ा, डूंगरपुर, बांसवाड़ा एवं पाली के सहायक ड्रग कन्ट्रोलर सहित भूपेन्द्र श्रीमाली, राजेश खमेसरा, राजस्थान गौरव डॉ. जिनेन्द्र शास्त्री,पुनीत सक्सेना, राजेन्द्र शर्मा, राजीव दुबे व अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे। अतिथियों द्वारा स्वेच्छिक रक्तदाताओं सहित रक्तदान करवाने वाली समितियों के प्रतिनिधियों रोहित मोटावत,साहित शेख,हुसैन घी वाला स्व्यं सेवी संस्थाओं में आईसीएआई उदयपुर ब्रान्च,सुन्दरलाल वागरेख ट्रस्ट,बोहरा यूथ रिलिफ सोसायटी,इण्डियन रेड क्रास सोसायटी को भी सम्मानित किया गया। सरल ब्लड सेंटर की प्रेरणा से गठित हुई स्वैच्छिक रक्तदान प्रेरणा कमेटी के पांच सदस्यों का भी स्वागत अभिनंदन किया गया।