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एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति के मनोभावों को जीवंत किया नाटक जिंदगी 2.0 में

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07 Sep 25
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एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति के मनोभावों को जीवंत किया नाटक जिंदगी 2.0 में

उदयपुर, मौलिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ क्रिएटिव एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स के बैनर तले नाटक “ज़िंदगी 2.0” का सफल मंचन चित्रकूट नगर स्थित थर्ड स्पेस में किया गया। इस नाटक का निर्देशन युवा रंगकर्मी सचिन भंडारी ने किया, जिन्होंने इसमें डॉ. नायडू का किरदार भी निभाया। मुख्य पात्र राहगीर की भूमिका आशुतोष पांडे ने जीवंत की।

नाटक की कहानी एक व्यक्ति राहगीर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एचआईवी से पीड़ित है और अपनी नियुक्ति के इंतजार में डॉ. नायडू के क्लिनिक के बाहर बैठा है। वहीं उसकी मुलाकात श्रीकांत से होती है, जिसकी आदत लगातार सवाल पूछने की है। शुरुआत में राहगीर झुंझलाता है, लेकिन धीरे-धीरे इन्हीं सवालों से उसका दर्द कम होने लगता है। अंत में खुलासा होता है कि श्रीकांत ही असल में डॉ. नायडू है। नाटक का यह मोड़ गहरी प्रतीकात्मकता के साथ दर्शकों को जीवन को नए सिरे से जीने का संदेश देता है। शीर्षक “ज़िंदगी 2.0” इसी भाव को स्पष्ट करता है कि अवसाद और निराशा के बीच भी जीवन को फिर से शुरू किया जा सकता है।

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में श्रीमती श्रद्धा मुर्डिया, श्री गौतम राठौड़, श्री प्रदीप पानेरी, श्री शैल चोयल, श्री विलास जानवे और मिस गरिमा मिश्रा उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने नाटक की सराहना करते हुए इसे सामाजिक चेतना जगाने वाला बताया।

मौलिक संगठन के संस्थापक-निदेशक श्री शिवराज सोनवाल ने युवा निर्देशक सचिन भंडारी और कलाकार आशुतोष पांडे को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि मौलिक से नई पीढ़ी के निर्देशक और कलाकार रंगमंच में आगे आ रहे हैं। यही रंगमंच का भविष्य है।”

मौलिक संगठन इस माह तीन और नाटकों का मंचन करेगा, जिनमें से एक नाटक फिल्म “गाइड” को समर्पित होगा।

 


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