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गोकाष्ठ से हवन का आयोजन कर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने दिया पर्यावरण और संस्कृति संरक्षण का संदेश

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07 Sep 25
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गोकाष्ठ से हवन का आयोजन कर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने दिया पर्यावरण और संस्कृति संरक्षण का संदेश

उदयपुर। अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस के मौके पर सीपीएल फार्मास्यूटिकल्स प्रा. लि. ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साझे में और राहडा फाउंडेशन के सहयोग से एक अनूठा हवन यज्ञ, शिव पूजा व आरती का आयोजन किया। कलडवास में आदियोगी प्रतिमा परिसर में आयोजित इस हवन यज्ञ का उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा के साथ ही संस्कृति और परंपरा का निर्वहन और गोकाष्ठ लकड़ी (गोबर से बनी लकड़ी) को प्रचलन में लाना था।



इस आयोजन में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए वैदिक विधि से हवन यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें केवल गोकाष्ठ का उपयोग किया गया। इस समारोह में यह दर्शाया गया कि पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पारंपरिक प्रथाओं को कैसे अपनाया जा सकता है। फार्मास्युटिकल संयंत्र के भीतर स्थित शांत आदि योगी मूर्ति स्थल पर आयोजित इस समारोह में, गोकाष्ठ को पारंपरिक लकड़ी के एक स्थायी विकल्प के रूप में प्रदर्शित किया गया, और सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को बनाए रखते हुए वनों की कटाई को कम करने की इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला गया।
मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शरद सक्सेना ने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस” के अवसर पर इस वर्ष की थीम रेसिंग फॉर एयर को दृष्टिगत रखते हुए हवन, शिव पूजा व आरती का कार्यक्रम रखा गया। इस पहल का उद्देश्य वायु शुद्धिकरण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना था। हवन में गोबर से बनी लकड़ी का प्रयोग किया गया, जो पर्यावरण हितैषी, टिकाऊ और किफायती विकल्प है। इसके साथ ही लोगों को जागरूक किया गया कि वे प्लास्टिक का उपयोग कम करें और पुनः उपयोगी वस्तुओं को अपनाएं।
कार्यक्रम में राहड़ा फाउंडेशन की संस्थापक श्रीमती अर्चना सिंह चरण ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल एक दिन का प्रयास नहीं बल्कि जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए। परंपराओं में छिपे आधुनिक समाधानों को अपनाकर हम आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वायु और सुरक्षित पर्यावरण दे सकते हैं। यज्ञ का महत्व शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय स्तर पर है। यह वातावरण को शुद्ध करता है, सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है, और आध्यात्मिक विकास में सहायक है। यज्ञ से व्यक्ति दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करता है, कर्म शुद्ध करता है, और समाज में सद्भाव और प्रेम की भावना बढ़ती है। यह प्राचीन परंपराओं का संरक्षण भी करता है। कार्यक्रम में समता बोथरा व ज्योति तोमर ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में सीपीएल की ओर से कपिल द्विवेदी व पंकज ठाकुर तथा राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उदयपुर से कुंज बिहारी, यशपाल व पूरी टीम उपस्थित रही और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
समारोह के बाद, पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, उमरडा में माइक्रोबायोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ज्योति तोमर ने हवन अनुष्ठानों के लाभों पर शोध पर प्रकाश डालते हुए एक व्यापक कार्यशाला आयोजित की, जिसमें लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला में हवन के रोगाणुरोधी गुणों पर वैज्ञानिक निष्कर्ष प्रस्तुत किए गए।


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