उदयपुर, खान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव एवं जिले के प्रभारी सचिव टी रविकान्त ने शनिवार को कलक्ट्रेट मिनी सभागार में समीक्षा की बैठक ली। इसमें वर्षाजनित हादसों एवं हालातों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही फसल बीमा, चिकित्सा सुविधाएं, पंच गौरव कार्यक्रम, शहर चलो अभियान, गांव चलो अभियान तथा सहकारिता सदस्यता अभियान की तैयारियों की भी समीक्षा की।
प्रारंभ में जिला कलक्टर नमित मेहता ने अवगत कराया कि उदयपुर में खेरवाड़ा, झाड़ोल और फलासिया क्षेत्र में तुलनात्मक रूप से अधिक बारिश हुई है बाकी क्षेत्रों में ऐसी स्थिति नहीं बनी। बारिश के प्रथम फेज में सड़क, पुलिया सहित अन्य परिसंपत्तियों को हुए नुकसान के आधार पर पीडब्ल्यूडी की ओर से एसडीआरएफ के तहत करीब 8 करोड़ के प्रस्ताव तैयार किए, इनमें अधिकांश स्वीकृत हो चुके हैं। जर्जर स्कूल, हॉस्टल, अस्पताल भवन आदि के लगभग 10 करोड़ के प्रस्ताव भेजे गए हैं। इसके अलावा डीएमएफटी से भी स्कूलों की मरम्मत के लिए स्वीकृतियां जारी की गई हैं। प्रभारी सचिव ने शिक्षा एवं चिकित्सा विभाग को पीडब्ल्यूडी के साथ समन्वय रखते हुए प्रस्ताव तैयार कराने के निर्देश दिए, ताकि उनमें तकनीकी रूप से कोई कमियां नहीं रहें और स्वीकृति में विलम्ब नहीं हो।
बैठक में प्रभारी सचिव ने फसल खराबा, फसल बीमा योजना की वस्तुस्थिति, खाद आदि की उपलब्धता आदि के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पशुपालन विभाग से पशु टीकाकरण, चारे-पानी एवं दवाओं की उपलब्धता, पशु हानि आदि के बारे में जानकारी ली। विद्युत निगम के अधिकारियों से बारिश के दौरान विद्युत तंत्र को हुए नुकसान और रिस्टोरेशन का अपडेट लिया।
बैठक में नगर निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना, युडीए सचिव हेमेंद्र नागर, गिर्वा एसडीएम अवुला साईकृष्ण, उप वन संरक्षक मुकेश सैनी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर बामणिया, संयुक्त निदेशक सांख्यिकी पुनीत शर्मा, पीएचईडी एसई रविन्द्र चौधरी, विद्युत निगम एसई केएल मीणा, संयुक्त निदेशक कृषि सुधीर वर्मा, उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक शैलेंद्र शर्मा उपनिदेशक पर्यटन शिखा सक्सेना, उपनिदेशक पशुपालन डॉ सुरेश जैन, जल संसाधन विभाग के एसई मुकेश जैन, मुख्य आयोजना अधिकारी महावीरप्रसाद सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
झीलों, बांध-तालाबों की जानी स्थिति
प्रभारी सचिव ने शहर सहित जिले भर में झीलों, तालाबों व बांधों की स्थिति तथा अतिवृष्टि से पाल - गेट आदि को लेकर संभावित समस्या की जानकारी ली। साथ ही शहर की झीलों में लगातार पानी की आवक और उसके अनुरूप निकासी व्यवस्था के बारे में भी फीडबैक लिया।
मौसमी बीमारियों पर रखें पैनी नजर, करें त्वरित रेस्पोंस
प्रभारी सचिव ने जिले में मौसमी बीमारियों की स्थिति के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से जनजाति अंचल में लोग बीमार होने पर त्वरित उपचार नहीं लेते। इससे मौसमी बीमारी फैलने पर त्वरित सूचना नहीं मिल पाती। ऐसे में जरूरी है कि एएनएम, आशा और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से लगातार क्षेत्र में निगरानी की जाए। डोर-टू-डोर सर्वे करते हुए लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि फील्ड स्टाफ की जिम्मेदारी तय की जाए कि वे अपने क्षेत्र में नियमित भ्रमण करें और स्वास्थ्य की स्थितियों को लेकर अपडेट रहे और समय पर उच्चाधिकारियों को भी सूचित करे। इसके लिए उन्होंने सरपंच सहित अन्य जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लेने का सुझाव दिया।
पंच गौरव को बढ़ावा देने योजनाबद्ध ढंग से काम हो
प्रभारी सचिव ने पंच गौरव कार्यक्रम की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य पंच गौरव को प्रोत्साहित कर उसके माध्यम से लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक जीवन स्तर में उन्नयन करना है। उन्होंने सीताफल और महुआ जैसे आदिवासी जनजीवन से सीधे जुड़े उत्पादों को लेकर व्यवस्थित रूप से स्टडी कराते हुए उसके अनुरूप काम किए जाने का सुझाव दिया।
तैराकी के लिए हो टेलेंट सर्च
प्रभारी सचिव ने जिले में तैराकी के बारे में जानकारी ली। जिला खेल अधिकारी डॉ महेश पालीवाल ने खेलगांव परिसर में तरणताल को ऑलवेदर करने के प्रस्तावित कार्य सहित जिले में तैराकी के उत्कृष्ट खिलाड़ियों और उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही वर्तमान में चल रही विद्यालयी खेल प्रतियोगिता में भी क्षेत्रीय खेलकूद प्रशिक्षण केंद्र एवं खेलगांव के माध्यम से समन्वय किए जाने की बात कही। प्रभारी सचिव ने नए खिलाड़ियों की तलाश के लिए ब्लॉक एवं जिला स्तर पर तैराकी प्रतियोगिता आयोजित कराने का सुझाव दिया। इसके लिए उन्होंने सीएसआर के माध्यम से फण्ड उपलब्ध कराने में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के लिए बढिया प्लान तैयार किया जाए, पैसों की कोई कमी नहीं है। लक्ष्य तय करें कि उदयुपर से नेशनल एवं इंटरनेशनल स्तर के तैराक तैयार किए जाएं।
शहर चलो, गांव चलो अभियान में सेचुरेशन हो लक्ष्य
प्रभारी सचिव श्री रविकान्त ने आगामी 15 सितम्बर से प्रस्तावित शहर चलो तथा 18 सितम्बर से प्रारंभ होने वाले गांव चलो अभियान की तैयारियों की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कई तरह के अभियान रूटिन कार्यवाही बन कर रह जाते हैं। कई विभाग तो इन कैम्प में खुद की कोई भूमिका ही नहीं मानते, जबकि ऐसा नहीं है। इन अभियानों का उद्देश्य सरकार की योजनाओं से शत प्रतिशत पात्र लोगों को लाभान्वित करना है। इसलिए कैम्प में सेचुरेशन का लक्ष्य तय करें। इसके लिए कैम्प से पहले जनआधार डेटा बेस के आधार पर सभी विभाग अपनी योजनाओं में वंचित पात्र लोगों को चिन्हित करते हुए कैम्प में उस लक्ष्य को अर्जित करने पर फोकस करें।
छोटे किसानों को सहकारिता से जोड़ें
बैठक में आगामी 2 से 15 अक्टूबर तक प्रस्तावित सहकारिता सदस्यता अभियान पर भी चर्चा की गई। अभियान के दौरान लेम्प्स या पैक्स से वंचित गांवों में किसानों को जोड़ते हुए लैम्प्स या पैक्स स्थापित करने का लक्ष्य है। प्रभारी सचिव ने कहा कि अभियान में भी अधिक से अधिक छोटे काश्तकारों को जोड़ते हुए उन्हें सहकारिता के लाभ दिलाने की पहल की जाए।