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मेरी झील’ कविता के रचयिता के सम्मान में काव्य गोष्ठी आयोजित

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08 Jul 25
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मेरी झील’ कविता के रचयिता के सम्मान में काव्य गोष्ठी आयोजित

उदयपुर,  उदयपुर की विश्व प्रसिद्ध झील फतेहसागर पर लिखी मेरी झील नामक कविता के रचयिता विश्व प्रसिद्ध, कवि, साहित्यकार एवं पूर्व आईएएस अधिकारी मनोज शर्मा के सम्मान में तनिमा साहित्यिक संस्थान की ओर से एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में प्रबुद्ध कवि एवं साहित्यकार सम्मिलित हुए। समारोह का संचालन श्रीमती शकुंतला सरूपरिया ने किया। अध्यक्षता श्री श्याम रावत ने की। श्री मनोज शर्मा ने अपनी कुछ कविताओं सैनिक शहीद की मां का संदेश चाहे स्टेडियम में तालियां बजे या ना बजे सुनाई। उम्र से आग्रह कविता में वे लिखते हैं कि एक छोटा आग्रह है तुझसे, ये मेरा यौवन मत लेना, उम्र मैं तुझसे रुष्ट नहीं हूं, जो तेरा आभार न मानूं मैं उतना भी दुष्ट नहीं हूं का सभी ने भरपूर आनंद लिया।

श्रीमती शकुंतला सरूपरिया ने अपनी कविता ’’बेटिया’’ं, अरुण सनाढ्य ने गजलों से गोष्ठी में रंग जमाया। श्रीमती पूनम भू ने ’’पत्थर’’ शीर्षक से कविता सुनाकर आल्हादित किया। श्रीमती वीणा गौड़ ने अपनी स्वरचित सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। डॉ सुमन पामेचा ने पैसा है भगवान सुना कर वाह वाही लूट। डॉक्टर योगेश सिंघल ने ग़ज़लें सुना कर जीवन की सच्चाई को प्रस्तुत किया। युवा कवि जगवीर सिंह ने ढेंचू-ढेंचू सुना कर समाज पर व्यंग्य किया। अन्य कई गणमान्य साहित्यकारों एवं गीतकारों द्वारा बहुत सुंदर रचनाएं प्रस्तुत की गई। श्री श्याम रावत द्वारा सारगर्भित उद्बोधन दिया गया।


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