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मजदूरों के मसीहा बी. चौधरी की 30वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा एवं संगोष्ठी का आयोजन

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22 May 25
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मजदूरों के मसीहा बी. चौधरी की 30वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा एवं संगोष्ठी का आयोजन

उदयपुर । 'मजदूर मंजिल' इंटक कार्यालय धानमंडी, उदयपुर में गुरुवार को श्रमिक नेता और मजदूरों के अधिकारों के प्रतीक स्व. बी. चौधरी की 30वीं पुण्यतिथि के अवसर पर एक भव्य श्रद्धांजलि सभा एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर युवा इंटक (राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस) के पूर्व राष्ट्रीय सचिव एवं हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड वर्कर्स फेडरेशन इंटक के प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा ने बी. चौधरी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। संगोष्ठी में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों और श्रमिक संगठनों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

पंकज कुमार शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए चौधरी जी के जीवन संघर्ष, त्याग और नेतृत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि,

"बी. चौधरी ने मजदूरों के अधिकारों के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने न केवल मजदूरों को संगठित किया, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान और गरिमा से जीवन जीने की राह दिखाई।"

शर्मा ने यह भी बताया कि बी. चौधरी का नेतृत्व इस मायने में विशिष्ट रहा कि उन्होंने कभी स्थाई और अस्थाई कर्मचारियों में कोई भेद नहीं किया। उनके प्रयासों से अस्थाई श्रमिकों को भी पेंशन, स्वास्थ्य सुविधाएं, और सुरक्षित कार्य माहौल जैसी मूलभूत सुविधाएं प्राप्त हुईं, जो पहले केवल स्थाई कर्मचारियों तक ही सीमित थीं।

"उन्होंने ऐसी नींव रखी, जिस पर आज भी हिंदुस्तान जिंक जैसी कंपनियों का श्रमिक ढांचा खड़ा है। उनकी दूरदर्शिता और नीतियों के कारण आज हिंदुस्तान जिंक न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुका है!

इस कार्यक्रम में शामिल प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में इंटक के उपाध्यक्ष महेंद्र दीक्षित, सचिव डॉ नारायण शर्मा, नरेश साहू, नरेंद्र जैन, लता अहारी, राजेश साहू, मुकेश जाट, और सुरेश जाट के साथ-साथ बड़ी संख्या में श्रमिक प्रतिनिधि, समाजसेवी और नागरिक मौजूद रहे। सभी ने बी. चौधरी के योगदान को स्मरण करते हुए उन्हें "मजदूर चेतना का शिल्पकार" बताया।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि स्व. बी. चौधरी के विचार, सिद्धांत और संघर्ष को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाया जाएगा और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी राह पर चलने का सतत प्रयास किया जाएगा।


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