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बजट 2024-25 लोक-लुभावन न होकर विकास आधारित: एम.एल. लूणावत 

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28 Jul 24
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बजट 2024-25 लोक-लुभावन न होकर विकास आधारित: एम.एल. लूणावत 

उदयपुर, ”केन्द्र सरकार द्वारा घोषित बजट 2024-25 के प्रावधानों को कर विशेषज्ञों के माध्यम से भली-भांति समझने की आवश्यकता है।  इसके अभाव में उद्योग एवं व्यवसाय को कर अनुपालना सम्बन्धी जटिलताओं का सामना करना पड सकता है।“

उपरोक्त विचार श्री एम.एल. लूणावत ने यूसीसीआई में व्यक्त किये। 

उदयपुर चेम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के पी.पी. सिंघल आॅडिटोरियम में “केन्द्रीय बजट 2024-25 में कर प्रावधानों का विश्लेषण“ विषय पर परिचर्चात्मक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में विख्यात कर सलाहकार सीए श्री केशव मालू एवं सीए श्री राकेश लोढा विषय विशेषज्ञ थे। 

अध्यक्ष श्री एम.एल. लूणावत ने कार्यक्रम के आरम्भ में विषय विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। श्री लूणावत ने बताया कि विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने अनुमान के अनुसार देश की विकास दर लगभग 8 प्रतिशत रहने की संभावना है जिससे भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेज गति से विकसित होती अर्थव्यवस्था बन जायेगी। 

यूसीसीआई की फायनेन्स एण्ड टैक्सेशन सब कमेटी के चेयरमैन सीए श्री आशीष ओस्तवाल ने केन्द्रीय बजट 2024-25 पर चर्चा करते हुए माननीय विŸामंत्री श्रीमति निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट का अर्थव्यवस्था पर पडने वाले प्रभाव के बारे में विचार प्रस्तुत किये।

मानद महासचिव डाॅ. पवन तलेसरा ने विषय विशेषज्ञ चार्टर्ड अकाउनटेन्ट श्री केशव मालू एवं चार्टर्ड अकाउनटेन्ट श्री राकेश लोढा का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया।

चार्टर्ड अकाउनटेन्ट श्री केशव मालू ने प्रत्यक्ष करों पर चर्चा करते हुए बताया कि वर्तमान बजट में कई संशोधन किये गये हैं। श्री मालू ने प्रस्तुत बजट में अप्रत्यक्ष कर प्रावधानों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया। इसके साथ ही उन्होंने जीएसटी की नई प्रणाली में कुछ जटिलताएं भी उजागर की जिसके सन्दर्भ में यूसीसीआई की ओर सरकार को ज्ञापन दिये जाने का सुझाव दिया।श्री केशव मालू ने वित्तीय बिल 2024 में प्रमुख संशोधनों जैसे जीएसटी अधिनियम, एमनेस्टी स्कीम, काॅर्पाेरेट गारन्टी, को-सेल्स डिस्काउन्ट आदि का विस्तार से विश्लेषण प्रस्तुत किया।

चार्टर्ड अकाउनटेन्ट श्री राकेश लोढा ने प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए आयकर अधिनियम में किये गये परिवर्तनों, विशेषकर इन्डेक्सेशन एवं एन्जल टैक्स समाप्त करने, आयकर स्लैब में परिवर्तन, विवाद से विश्वास स्कीम आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की। श्री राकेश लोढा ने बजट का कैपीटल मार्केट पर पडने वाले प्रभाव के सन्दर्भ में जानकारी दी। उन्होंने कर नियोजन की विभिन्न युक्तियों से भी अवगत कराया। 

कार्यक्रम का संचालन यूसीसीआई की फायनेन्स एण्ड टैक्सेशन सब कमेटी की सदस्या सुश्री प्रिन्कल तलेसरा ने किया। 

सेमिनार में यूसीसीआई के उपाध्यक्ष श्री प्रतीक हिंगड, श्री हेमन्त जैन, श्री सुरेश जैन, श्री सिद्धार्थ चतुर, श्री जी.एस. सिसोदिया, डाॅ. अशोक जेतावत, श्री शालीन हरलालका, श्री प्रदीप गांधी, श्री अनन्त सिंह, श्री अरविन्द अग्रवाल, श्री प्रकाश बोलिया, श्री कविश सिसोदिया आदि सहित 50 सदसयों ने भाग लिया।कार्यक्रम के समापन पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री मनीष गलुण्डिया ने सभी का आभार ज्ञापित किया।


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