संपन्न परिवारों द्वारा स्वेच्छा से नाम हटवाने पर वंचित लोगों को मिलेगा हक
श्रीगंगानगर, राज्य भर में 1 नवम्बर 2024 से खाद्य एवं सुरक्षा विभाग द्वारा प्रारंभ गिवअप अभियान के तहत अब तक 26 लाख 7 हजार 969 लोगो द्वारा स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ा गया।
इसके अतिरिक्त लगभग 27 लाख से अधिक लोगो को ईकेवाईसी नहीं कराने के कारण योजना से हटा दिया गया है। इसके परिणाम स्वरूप राज्य में लगभग 53 लाख पात्र लाभार्थी नए पात्रों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ा जा चुका है। राज्य सरकार निरंतर सभी पात्र वंचितों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश में जनसंख्या के अनुपात में एनएफएसए के अंतर्गत लगभग 4.46 करोड़ लाभार्थियों की सीलिंग है। यह संख्या पूरी हो जाने के कारण नए पात्र लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसे देखते हुए सरकार द्वारा गिव अप अभियान की पहल की गई, जो आगामी 31 अगस्त 2025 तक चलाया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं बनी गरीबों का संबल
राजस्थान के मुख्यमंत्री माननीय श्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार राज्य में राशन डीलर का कमीशन बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर समय पर भुगतान किया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत न केवल खाद्य संबंधी लाभ परंतु चार तरह के लाभ पात्र व्यक्तियों को दिए जा रहे है। इसके तहत पात्र लाभार्थियों को 450 रूपये प्रति सिलेंडर प्रतिवर्ष, 12 एलपीजी सिलेंडर, 5 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति, मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत 5 लाख का बीमा कवर और मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मिल रही है। बजट 2025-26 में घोषित 10 लाख नए लाभार्थियों को योजना से जोड़ने का लक्ष्य पहले ही पूर्ण कर लिया गया है।
यह अभियान न केवल खाद्य सुरक्षा बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं सक्षम आम नागरिकों से स्वयं गिव अप कर गौरव से स्वयं सक्षम बताते हुए समाज को प्रेरित करने का आह्वान किया गया है। एपीएल का कोई भी परिवार 850 रूपये वार्षिक प्रीमियम का भुगतान कर मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना का लाभ प्राप्त कर 25 लाख रूपये तक का निःशुल्क इलाज करा सकता है।