GMCH STORIES

दिल्ली के बीकानेर हाऊस से पुनः राजस्थान रोडवेज की वॉल्वो बसें चलाने की कोशिश 

( Read 2195 Times)

07 Sep 25
Share |
Print This Page

राजस्थान रोडवेज के बेड़े में शामिल हुई करीब 300 बसों में शुमार नई नवेली रोडवेज बसों को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को जयपुर के अमर जवान ज्योति से हरी झंडी दिखाकर गंतव्य स्थानों के लिए रवाना किया। इस समारोह में उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा,सिविल लाइन्स जयपुर के विधायक गोपाल शर्मा, राजस्थान रोडवेज की अध्यक्ष शुभ्रा सिंह, सचिव शुची त्यागी, प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा, जिला कलेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी सहित अन्य कई गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। रोडवेज की इन बसों से आमजन को सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से सस्ती,सुरक्षित एवं आधुनिकतम यातायात सुविधा मिलेगी। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) द्वारा पिछले कुछ समय पूर्व ये 160 ब्ल्यू लाइन एक्सप्रेस बसें खरीदी गई थी। साथ ही 12 नई सुपर लग्जरी बसें भी निगम को प्राप्त हुई जो कि आधुनिक सुख सुविधाओं और बेहतर यात्री अनुभव से सुसज्जित हैं।

 

राजस्थान रोडवेज बेड़े में इस वर्ष पूरे राज्य के लिए 288 नई बसें शामिल हुईं है। हाल ही रोडवेज ने इन 288 नई बसों को 34 डिपो में वितरित किया गया हैं, जिससे यात्रियों को पुरानी बसों की तुलना में काफी राहत मिलने वाली है। जयपुर के वैशाली नगर डिपो को सबसे अधिक  40 बसें प्राप्त हुईं है। इसके अलावा जयपुर के ही विद्याधर नगर 22, जयपुर/दौसा डिपो को 20, भीलवाड़ा, सीकर, उदयपुर डिपो  (प्रत्येक को 10), अजमेर डिपो को  7 बसें मिली हैं। इन नई बसों में 12 वॉल्वो बसें भी शामिल हैं जो कि आधुनिक और सुविधाजनक हैं। इन बसों में जीपीएस, सीसी टीवी कैमरे और हर महिला सीट पर पैनिक बटन जैसी सुरक्षा सुविधाएँ भी हैं। साथ ही इनमें ई-टिकटिंग सुविधा भी उपलब्ध है। राजस्थान रोडवेज द्वारा मेरी बस मेरी जिम्मेदारी अभियान के तहत अपने बेड़े का बड़ा विस्तार किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस अभियान के तहत 1,300 नई बसों को शामिल करने की घोषणा की है।जिसमें 800 डीजल बसें और 300 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। यह अभियान डिपो सुधार, रीयल- टाइम ट्रैकिंग, सुरक्षा उपायों और रखरखाव को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। अनुमान है कि नए बसों के शामिल होने के बाद राजस्थान रोडवेज का कुल बेड़ा इस वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 5,000 बसों तक पहुंच जाएगा। राजस्थान रोडवेज ने इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी विशेष पहल (ईवी) की है। रोडवेज ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर ) में चल रहे डीजल बसों की जगह 900 इलेक्ट्रिक बसें लाने का लक्ष्य रखा है। जिनमें 600 ईवी केंद्र सरकार के पीएम ई ड्राइव  योजना के तहत लाने का प्रयास किया जा रहा है।

इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण-अनुकूल सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना और वायु गुणवत्ता मानकों का पालन करना है।

 

राजस्थान रोडवेज ने कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप

दिल्ली-एनसीआर रूट पर चल रही 900 डीजल बसों को 2026 जून तक इलेक्ट्रिक बसों में बदलने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में, राजस्थान रोडवेज ने 300 इलेक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर जारी किया है। इस टेंडर में दो विकल्प शामिल हैं चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ और इसके बिना। इसके अलावा,पीएम ई ड्राइव  योजना के तहत  रोडवेज 600 और इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की योजना भी बना रही है।

 

राजस्थान के प्रमुख शहरों विशेषकर जयपुर, जोधपुर आदि से दिल्ली रूट पर रोडवेज की वोल्वो चलती है और निकट भविष्य में इस मार्ग पर इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने की भी योजना है। आमतौर पर, जयपुर–दिल्ली रूट पर प्रति दिन अन्य बसों के साथ कई सुपर  लग्जरी और एसी डीलक्स वॉल्वो बसें उपलब्ध होती हैं। ये बसें दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस- वे पर कानोता- बांदीकुई रूट पर चलाई जा रही है और दिल्ली में एनसीआर के महाराणा प्रताप केंद्रीकृत बस अड्डे कश्मीरी गेट टर्मिनल से जाती है और वहीं से वापस जयपुर इसी रूट से लौटती है लेकिन राजस्थान की भजनलाल सरकार इन वॉल्वो बसों को पुनःदिल्ली के बीकानेर हाऊस से चलाने की कोशिश कर रही है। बीकानेर हाऊस दिल्ली के हृदय स्थल इण्डिया गेट से सटा हुआ है। यहां से 2019 तक वॉल्वो बसों का संचालन होता था लेकिन माननीय उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के बाद यहाँ से वॉल्वो बसों का संचालन बन्द हो गया जबकि निकट ही मंडी हाउस और जनपथ आदि से हिमाचल प्रदेश और अन्य प्रदेशों की वॉल्वो बसों का संचालन बदस्तूर जारी है। देश विदेश से राजस्थान की यात्रा करने वाले पर्यटक और अभिजात्य वर्ग के यात्रियों के लिए बीकानेर हाऊस से यात्रा करना बहुत सुविधाजनक था। साथ ही राजस्थान रोडवेज को भी इससे बहुत मुनाफा हो रहा था। इसके अलावा राजस्थान डेयरी और अन्य संस्थानों को भी इससे लाभ हो रहा था। वर्ष 2019 के बाद बीकानेर  हाऊस से वॉल्वो बसों का संचालन बन्द होने से ये संस्थाएं भी बन्द हो गई । साथ ही राजस्थान रोडवेज की वॉल्वो बसों की संख्या भी घट गई है जिससे रोडवेज का मुनाफा भी घट गया है । वर्तमान में रोडवेज की 12 नई वॉल्वो बसों में से कुछ बसे विगत 1 अगस्त से जयपुर-दिल्ली रूट पर चल रही है लेकिन इन बसों के दिल्ली के भीड़ भरे कश्मीरी गेट टर्मिनल से चलने से यात्रा का समय बढ़ गया है और इसमें पैसेंजर की संख्या भी घट रही है। जिस वजह से कई बार बसे भी कैंसल हो जाती है। बसों के ठहराव के अतिरिक्त समय के लिए भी राशि वसूल करने वाले कश्मीरी गेट टर्मिनल से नई दिल्ली के धौलाकुंआ और गुरुग्राम के इफको चौक पहुंचने में प्रायः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के ट्रैफिक जाम में फंस जाने से बसों को कई बार घंटों की देरी होती है तथा इन बसों के इंतजार में धौलाकुंआ और गुरुग्राम के इफको चौक पर यात्रियों के लिए बरसात,सर्दी और गर्मी में सुविधाओं के अभाव में परेशानियों का सबब होने की व्याख्या करना मुश्किल हैं। इधर ये बसे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे से संचालित होने के बावजूद उन्हें जयपुर एवं दिल्ली पहुंचने में छह से आठ घंटे का समय लग रहा है क्योंकि इन बसों की स्पीड सीमा 80 किमी फिक्स की हुई है जबकि इस एक्सप्रेस-वे पर राष्ट्रीय राजमार्ग के मानदंडों के अनुसार 100- 125 किमी की स्पीड से बसों का संचालन होने से यात्रा की अवधि घट सकती है। इसी प्रकार जयपुर में सिन्धी कैंप पर अपेक्षित  यात्री सुविधाओं की दरकार है तथा नारायण सिंह चौराहा से ट्रांसपोर्ट नगर में बस स्टॉप स्थानांतरित करने के बाद वहां भी यात्री सुविधाएं न के बराबर है।

 

बीकानेर हाउस से वॉल्वो बसों का संचालन बन्द होने,यात्रा अवधि लम्बी होने,कश्मीरी गेट, धौलाकुंआ , इफको चौक आदि पर यात्री सुविधाओं के नहीं होने तथा अपेक्षाकृत किराया भी अधिक होने से वॉल्वो यात्री वैकल्पिक साधनों को उपयोग में लेने लगें है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार इन सभी बातों को ध्यान में रख राज्य सरकार अब पुनः बीकानेर हाउस से रोडवेज बसों का संचालन करने पर गंभीरता से विचार कर रही है तथा माननीय न्यायालय के निर्देशों की अनुपालना में इलेक्ट्रिक ईवी बसों को शुरू करने के प्रस्ताव को लागू करने का मन बना रही है। जानकारों का मानना है कि यदि ऐसा हुआ तो यह राजस्थान रोडवेज की वॉल्वो बसों की लोकप्रियता को पुनः बहाल करने, इन बसों के मुनाफे को बढ़ाने तथा यात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने एवं राजस्थान में पर्यटन में और अधिक वृद्धि में सहायक होगा।

 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like