सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस) की महानिदेशक सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन के नेतृत्व में एओआरटीए, अंग पुनर्प्राप्ति और प्रत्यारोपण प्रयासों में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनकर उभरा है। भारतीय सेना ने पहले ही एक ही अभियान में 26,000 से अधिक कर्मियों द्वारा अंगदान का संकल्प लेकर एक रिकॉर्ड बना लिया है।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस अवसर पर बोलते हुए, अंगदान को मानवता की सेवा और सशस्त्र बलों की त्याग और साहस की भावना का विस्तार बताया। उन्होंने सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों से समाज के लिए एक मिसाल कायम करने का आग्रह किया। सेना प्रमुख ने अंगदान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने और सशस्त्र बलों के कर्मियों को प्रेरित करने के लिए एओआरटीए के निरंतर प्रयासों की भी सराहना की।
सेना प्रमुख ने स्वास्थ्यकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका की स्वीकृति स्वरूप, अंग प्रत्यारोपण देखभाल में लगे तीन अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को मौके पर ही चीफ्स रिकमेंडेशन कार्ड प्रदान किए जिनमें एक हाउसकीपर भी शामिल था जो मरीजों के लिए स्वच्छता और सफ़ाई का पूरा ध्यान रखता था। इस सम्मान ने मरीजों की सहानुभूतिपूर्ण देखभाल के प्रति सेना चिकित्सा कोर की प्रतिबद्धता को साबित किया।
इस कार्यक्रम में उन दाता परिवारों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई जिन्होंने अंगदान के माध्यम से जीवनदान दिया। इन परिवारों को उनकी करुणा और साहस के लिए एक भव्य समारोह में सम्मानित किया गया।