कोटा। हम लोग संस्था की ओर से शनिवार को अनंत चतुर्दशी पर पीओपी से बनी प्रतिमाओं के चम्बल नदी, किशोर सागर तालाब या अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों में विसर्जन को हतोत्साहित करने के लिए अपील की जाएगी। संस्था की आज यहां आयोजित बैठक में मीडिया एवं जिला प्रशासन का मिट्टी की प्रतिमाओं के प्रति जागरूकता के लिए किए गए सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
बैठक के प्रारंभ में संयोजक डॉ सुधीर गुप्ता ने कहा कि संस्था के अनवरत प्रयासों के चलते कोटा में गणेशोत्सव पर मिट्टी की प्रतिमाओं की स्थापना का चलन बढ़ा है। मूर्ति निर्माताओं ने भी इस दिशा में काफी बेहतर काम किया है।
उन्होंने बताया कि पीओपी की प्रतिमाओं के विसर्जन से होने वाले जल प्रदूषण को आमजन के सामने लाने के लिए विसर्जन से पूर्व और बाद के पानी की सैंपल रिपोर्ट्स को साझा किया जाएगा। पर्यावरणविद् राजू गुप्ता ने कहा कि अनंत चतुर्दशी पर विसर्जित की जाने वाली पीओपी प्रतिमाओं के संख्यात्मक आँकड़े जुटाए जाकर जल स्रोतों में डिसिल्टिंग करवाने के लिए प्रशासन से अपील की जाएगी। धीरज गुप्ता ने कहा कि संस्था के ऐसे प्रयास रहेंगे जिनसे आमजन को भविष्य के लिए स्वच्छ जल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रति जागरूक किया जा सके।
बैठक में सथूर में चंद्रभागा नदी के बहाव से बने बढ़ के हालात पर भी चर्चा हुई। इस पर राय बनी कि चंद्रभागा के उद्गम से आने वाले पानी की रफ्तार को प्रचलित एवं वैज्ञानिक तौर तरीकों से नियंत्रित करना होगा। संस्था ने बहाव के क्षेत्रों में अतिक्रमण रोकने एवं अधिकाधिक पौधरोपण करने के लिए प्रयास करने का माहौल तैयार करने का संकल्प व्यक्त किया।
राज्य सरकार के वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन में चंबल सफारी को शामिल नहीं करने पर चिंता व्यक्त की गई। इस बारे में पर्यटन विभाग के साथ पत्राचार करने का निर्णय लिया गया। रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य धीरज गुप्ता ने बताया कि यदि चंबल सफारी से संबंधित फोटो उपलब्ध कराए जाएँ तो विभाग इन्हें प्लेटफार्म एवं ट्रेनों में डिस्प्ले करने के लिए तैयार है।
बैठक में अशोक शर्मा, जय लक्षवानी, एडवोकेट बीटा स्वामी, नरेश शर्मा, अनुराग फतेहपुरिया, सुशील सिंह, ख़ालिद इक़बाल एवं पृथ्वीपाल सिंह ने भी विचार रखे।