*कारगिल विजय दिवस के गौरवमयी अवसर पर होगा कारगिल वीरांगनाओं का सम्मान*
जयपुर, राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की एक और नई पहल पर कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर राज्य विधान सभा परिसर में कारगिल शौर्य वाटिका का निर्माण किया जा रहा है। इस वाटिका में हरियाली अमावस्या पर एक हजार एक सौ पौधे लगाये जायेंगे। देवनानी गुरुवार को शौर्य वाटिका में सिंदूर का पौधा रोप कर समारोह का शुभारम्भ करेंगे।
*वीरांगनाएं शौर्य वाटिका में लगायेगी पौधे*
विधानसभाध्यक्ष देवनानी के साथ 21 वीरांगनाएं भी विधान सभा की कारगिल शौर्य वाटिका में पौधे लगायेगी। इस मौके पर प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड, वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा, सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर सहित कई विधायकगण भी वाटिका में पौधारोपण करेंगे।
*वाटिका में पांच प्रजातियों के पौधे लगाये जायेंगे*
विधान सभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बताया कि विधान सभा परिसर में कारगिल विजय में शहीद हुए सैनिको की स्मृति में स्थापित की जा रही कारगिल शौर्य वाटिका जन प्रतिनिधियों के साथ वीरांगनाएं भी अमर शहीदों की याद में पौधे लगायेंगी। देवनानी ने बताया कि इस वाटिका में सिंदूर, एरिका पाम, सांग ऑफ इण्डिया, किसना फाइकस और क्रोटोन प्रजाति के पौधे लगाये जायेंगे।
देवनानी ने बताया कि वायु प्रदूषण को कम करने वाले यह पौधे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता के प्रतीक है। सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनाने वाले इन पौधों की पत्तियों का उपयोग पारम्परिक चिकित्सा प्रणाली में उपयोग किया जाता है।
*वीरांगनाओं का होगा सम्मान*
वासुदेव देवनानी ने बताया कि कारगिल विजय दिवस के गौरवमयी अवसर पर आयोजित होने वाले इस समारोह में ऑपरेशन विजय (कारगिल युद्ध -1999) में प्रोणोत्सर्ग करने वाले शूरवीरों (बैटल कैजुएलिटी फेटल) की 21 वीरांगनाओं का सम्मान किया जायेगा। वीरांगनाओं को शॉल ओढाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया जावेगा। देवनानी ने बताया कि सम्मानित होने वाली वीरांगनाएं सीकर, झुंझुनू, चूरु, जयपुर और कोटपुतली बहरोड जिले की निवासी है।
*शहीदों को समर्पित होगी शौर्य वाटिका*
देवनानी ने बताया कि कारगिल युद्ध जो 1999 में जम्मू कश्मीर के कारगिल सेक्टर में लड़ा गया था, वह भारतीय सेना के साहस और बलिदान का महत्वपूर्ण उदाहरण है। शौर्य वाटिका इस युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की वीरता को समर्पित है। यह समाज के लिए राष्ट्र प्रथम की भावना को विकसित करने और उन्हें राष्ट्र सेवा की प्रेरणा देने का एक माध्यम है।
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