राजस्‍थान के दौसा में बना था लालकिले पर फहराया गया पहला तिरंगा 

( Read 5355 Times)

15 Aug 24
Share |
Print This Page
राजस्‍थान के दौसा में बना था लालकिले पर फहराया गया पहला तिरंगा 

-

नई दिल्ली ।पूरा देश कल गुरुवार को आजादी की  78वें स्वाधीनता दिवस का जश्न मनायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल क़िले की प्राचीर से तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्र को सम्बोधित करेंगे।




प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगाँठ को अमृत महोत्सव का नाम दिया है। उन्होंने ग़ुलामी की निशानियों से ऊपर आत्म निर्भर भारत के प्रतीक के रूप में नई दिल्ली में महत्वाकांक्षी सेण्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को भी हाथ में लेकर नए कर्तव्य पथ और संसद भवन का शुभारम्भ कराया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 से हर घर तिरंगा अभियान चलाया है । यह अभियान 22 जुलाई, 2022 को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के साथ शुरू किया गया था । इस अभियान से करोड़ों लोग जुड़ें हैं। वर्ष 2022 में 23 करोड़ से अधिक घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था और 6 करोड़ लोगों ने ध्वज के साथ अपनी सेल्फी harghartiranga.com पर अपलोड की थी । वर्ष 2023 में, हर घर तिरंगा अभियान के अन्तर्गत वर्ष 2023 में, 10 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा अपनी सेल्फी अपलोड की गईं थी।।देश में ही नहीं विदेशों में भी इस अभियान को ज़बरदस्त समर्थन मिला और दुनिया ने विश्व की प्रसिद्ध इमारतों को भी तिरंगे की आकर्षक रोशनी में नहाते हुए देखा हैं। प्रवासी भारतीयों में भी हर घर तिरंगा अभियान के प्रति बड़ा उत्साह देखा गया हैं।  

आजादी के 77 वर्षों के बाद भी बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि वर्ष 1947 में आजादी की पहली सुबह पर दिल्‍ली के ऐतिहासिक लालकिले पर देश के प्रथम प्रधानमन्त्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा फहराया गया तिरंगा झंडा राजस्‍थान के दौसा जिला के आलूदा गाँव से बन कर आया था। हालाँकि भारत सरकार की ओर से इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं की गई हैं।
 
स्वाधीनता दिवस पर देश के हर ज़िले में तिरंगा फहराया जाता है। इस मौके पर देशवासी खुद को गौरवान्वित महसूस करते  हैं और देश की आन,बान और शान के प्रतीक तिरगें को नमन कर आजादी के अमर शहीदों का स्मरण करते हैं। राजस्थान के दौसा जिले के हर नागरिक को भी इस दिन एक अलग ही प्रकार की  अनूभुति होती हैं, क्योंकि तिरंगे का दौसा जिले  से खास जुड़ाव माना जाता  है। बताते है कि लाल किले पर जो झंडा पहली बार लहराया गया था वो दौसा के आलूदा कस्बे के बुनकर चौथमल ने बनाया था।यह भी बताया जाता है कि आजादी के पहले तिरंगे को लहराने की तैयारी के लिए चरखा संघ के देशपाण्डे एवं जनरल टाड को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।इस दौरान देश के विभिन्न भागों से तीन झंडे लाए गये।एक दौसा के आलूदा गाँव से,दूसरा राजस्थान के ही अलवर जिले के गोविन्दगढ़ से और तीसरा एक अन्य स्थान से लाया गया था।बताया जाता है कि दौसा के आलूदा कस्बे के बुनकर चौथमल द्वारा बनाया गया झंडा पहली बार राष्ट्रीय ध्वज के रुप में लाल किले पर लहराया गया था हालांकि इसका कोई लिखित प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

दौसा के बुनकरों की झण्डा बनाने की यह कारीगरी आज भी बदस्तूर जारी है।खादी समिति दौसा का भी कहना है कि हालांकि आज़ादी की पहली सुबह पर दिल्ली में फहराया जाने वाला तिरंगा देश के अन्य स्थानों  से भी गया था लेकिन दौसा में बने तिरंगे को ही पहली बार ऐतिहासिक लाल क़िले से आजाद हवा में लहराने का मौका मिला था। तिरंगे को लेकर राजस्थान के दौसा जिले का नाम तभी से इतिहास और चर्चा में जुड़ा हुआ हैं।

हमारे देश में तीन प्रमुख जगह ऐसी हैं जहां तिरंगे के कपड़े का निर्माण होता आया हैं,इसमें महाराष्ट्र में नांदेड़, कर्नाटका में हुबली एवं राजस्थान में दौसा का नाम प्रमुखता से लिया जाता हैं। दौसा खादी समिति तिरंगे में लगने वाले कपड़े का निर्माण करती थी और यहां से मुंबई जाने के बाद खादी डायर्स एण्ड प्रिटिंग प्रेस में इस कपड़े पर तिरंगा उकेरा जाता था।
बताते है कि आजादी से ठीक पहले कांग्रेस अधिवेशन में पं.जवाहरलाल नेहरू द्वारा फहराया गया तिरंगा ध्वज भी राजस्थान के अलवर जिले के नीमराना से ताल्लुक़ रखने वाली अंजु नागर के घर मेरठ (हस्तिनापुर) में सुरक्षित रखा हुआ है। नागर के मौसेरे भाई तरुण रावल के अनुसार यह झण्डा 1946 में कांग्रेस के आखिरी अधिवेशन में मेरठ में फहराया गया था। इस तिरंगे को नागर परिवार ने आज भी बहुत ही सलीके के साथ सहेज का रखा हुआ है। यह ऐतिहासिक तिरंगा 14 फिट चौड़ा और 9 फिट लंबा है।

भारतीय तिरंगे की शान निराली है।दुनिया में इसने अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। ओलम्पिक खेलों सहित हर क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों पर हमारे  राष्ट्रगान की मधुर धुन के साथ शान से तिरंगा क्षितिज में फहराता है। चन्द्र मिशन के अन्तर्गत  चन्द्रयान-3 की सफलता के साथ ही चन्द्रमा पर भी भारत को अपना तिरंगा शान से  फहराने का गौरव मिला हैं।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like