उदयपुर। सावन के पावन माह में जब पूरा देश शिवभक्ति में लीन है, तब उदयपुर के विश्वविख्यात सूक्ष्म कलाकार एवं 100 से अधिक विश्व रिकॉर्ड होल्डर डॉ. इक़बाल सक्का ने एक और अनूठी मिसाल पेश की है। उन्होंने सोने से बनी विश्व की सबसे छोटी शिवलिंग, तिरंगा कावड़ कलश और नागराज तैयार कर विश्व शांति, भाईचारे और एकता का संदेश दिया है। विशेष बात यह है कि ये तीनों प्रतीक इतने सूक्ष्म हैं कि उन्हें केवल माइक्रो लेंस से ही देखा जा सकता है।
डॉ. सक्का ने बताया कि उन्होंने यह कलाकृतियाँ सावन माह में चल रही कावड़ यात्रा की प्रेरणा से बनाई हैं। इन रचनाओं में तिरंगे रंगों से सजे कावड़ कलश में एक बूँद गंगाजल भी भरा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सोने से निर्मित इन रचनाओं का आकार एक मिलीमीटर से भी कम है और वजन इतना कम (000 मिलीग्राम) है कि इन्हें धर्म कांटे पर भी नहीं तौला जा सकता। इन्हें बनाने में उन्हें तीन दिन का समय लगा।
डॉ. सक्का का उद्देश्य इन कलाकृतियों को हरिद्वार के धरती लोक स्थित प्रसिद्ध दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भेंट करना है। इसके लिए उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को पत्र भी लिखा है और सरकार से सहयोग की अपील की है।
डॉ. सक्का की यह भेंट सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि साम्प्रदायिक सौहार्द और भारतीय सांस्कृतिक एकता का जीवंत उदाहरण भी है। मुस्लिम होते हुए भी उन्होंने शिवभक्ति की इस अलौकिक अभिव्यक्ति से यह स्पष्ट किया है कि कला, आस्था और राष्ट्रभक्ति किसी धर्म की सीमा में नहीं बंधती।