सीए प्रीतम गोस्वामी और पंकज लड्डा ने दिए सफलता और विकास के सूत्र : मुकेश माधवानी
उदयपुर :बीसीआई के संस्थापक मुकेश माधवानी ने बताया की उद्यमशीलता और व्यापार विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से शी-सर्कल इंडिया और बिजनेस सर्कल इंडिया (बीसीआई )के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार, 20 सितंबर को अशोका ग्रीन, शोभागपुरा, उदयपुर में बिजनेस ट्रांसफॉर्मेटिव प्रोग्राम का भव्य आयोजन हुआ।
इस अवसर पर शहर और आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों उद्यमी, व्यापारी, युवा स्टार्टअप संस्थापक और व्यवसायिक विशेषज्ञ एकत्रित हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद आयोजन समिति की ओर से सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।
पूरे कार्यक्रम का संचालन देवेन्द्र सिंह ने बड़े ही सधे और ऊर्जावान अंदाज में किया, जिससे उपस्थित जनसमूह का उत्साह लगातार बना रहा।
आधुनिक व्यापार की चुनौतियाँ और समाधान
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बिजनेस कोच, सलाहकार और लेखक सीए प्रीतम गोस्वामी ने अपने विशेष संबोधन में कहा –
> ‘’आज के समय में बिजनेस करना पहले जितना सरल नहीं रह गया है। केवल मेहनत काफी नहीं है, बल्कि सही रणनीति, डिजिटल तकनीक, नेटवर्किंग और निरंतर नवाचार ही सफलता की कुंजी है। उद्यमियों को अब परंपरागत सोच से बाहर निकलकर वैश्विक मानकों को अपनाना होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि छोटे और मध्यम उद्यमियों को अपने व्यापार को व्यवस्थित करने, वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान देने और ब्रांड वैल्यू बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। उनका मानना था कि यदि कोई उद्यमी केवल प्रॉफिट तक सीमित रहता है तो वह लंबी अवधि में टिक नहीं पाता। इसलिए व्यवसाय को हमेशा सतत विकास (सस्टेनेबल ग्रोथ ) और बाजार में मजबूत पहचान (मार्केट पोजिशनिंग ) की ओर ले जाना ज़रूरी है।
अपने ‘बिजनेस उड़ान’ सत्र में प्रीतम गोस्वामी ने विस्तार से बताया कि किस तरह से व्यापारी अपने बिजनेस प्रोसेस को सरल बनाकर, सही टीम वर्क और तकनीक का उपयोग करके न केवल राजस्व को कई गुना बढ़ा सकते हैं बल्कि क्षेत्रीय सीमाओं को पार कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकते हैं।
पूंजी और आईपीओ की अहमियत
इस कार्यक्रम में विशेष सत्र वित्तीय विशेषज्ञ पंकज लड्डा द्वारा लिया गया। उन्होंने उद्यमियों को शेयर बाजार और आईपीओ की प्रक्रिया के बारे में गहराई से जानकारी दी।
पंकज लड्डा ने कहा –
> ‘’किसी भी व्यवसाय को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए पूंजी सबसे अहम तत्व है। आईपीओ और कैपिटल मार्केट उद्यमियों को न सिर्फ पूंजी जुटाने का अवसर देते हैं बल्कि यह आपके बिजनेस को पारदर्शिता और निवेशकों का विश्वास दिलाने का सबसे सशक्त माध्यम है। आज निवेशक केवल अच्छे आइडिया में नहीं, बल्कि पारदर्शी और व्यवस्थित कंपनी में निवेश करना चाहते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि आईपीओ की तैयारी केवल बैलेंस शीट या कागजी कार्यवाही तक सीमित नहीं होती, बल्कि इसमें कंपनी का विज़न, प्रबंधन की पारदर्शिता, ग्राहकों का विश्वास और ब्रांड की स्थिरता भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
महिला उद्यमिता और नए स्टार्टअप पर ध्यान
शी-सर्कल इंडिया की संस्थापक तारिका भानुप्रताप सिंह ने महिला उद्यमिता पर जोर देते हुए कहा –
> “आज के दौर में उद्यमिता को बढ़ावा देना सबसे आवश्यक कार्य है। युवा नौकरी खोजने के पीछे भाग रहे हैं जबकि जरूरत है कि हम उन्हें नौकरी देने वाले उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करें। खासकर महिलाओं को बिजनेस में लाना बेहद जरूरी है, ताकि वे समाज और अर्थव्यवस्था में अपनी सक्रिय भागीदारी निभा सकें।”
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में विशेष रूप से नए उद्यमियों और स्टार्टअप संस्थापकों के लिए सत्र रखा गया, जिसमें किसी भी बिजनेस आइडिया को ब्रांडिंग, फंडिंग और मार्केट तक पहुंचाने की प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा की गई। यह सत्र उन युवाओं के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ जो अपने विचारों को वास्तविक व्यवसाय में बदलना चाहते हैं।
प्रतिभागियों के लिए अनुभव और सीख
बीसीआई के संस्थापक मुकेश माधवानी ने कहा –
> ‘’इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छोटे और मध्यम स्तर के व्यापारियों को आधुनिक बिजनेस चुनौतियों के लिए तैयार करना है। व्यापार अब केवल स्थानीय नहीं रहा, यह वैश्विक हो चुका है। हमें भी अपने कामकाज को दुनियाभर के ट्रेंड्स के साथ मिलाकर आगे बढ़ाना होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने यह बिजनेस ट्रांसफॉर्मेटिव प्रोग्राम आयोजित किया।”
उन्होंने यह भी बताया कि आज के समय में डिजिटल मार्केटिंग, वित्तीय अनुशासन और ब्रांड बिल्डिंग हर व्यापारी के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हो गए हैं जितना कि उत्पाद और सेवा।
सम्मान और समापन
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया ,जो उनकी उपस्थिति और योगदान के प्रति आभार स्वरूप था। इस सम्मान समारोह ने पूरे आयोजन को और अधिक यादगार बना दिया।
समापन सत्र में आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए यह आश्वासन दिया कि आने वाले समय में भी ऐसे ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे।
निष्कर्ष
यह कार्यक्रम न केवल उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना बल्कि उन्हें यह समझाने में भी सफल रहा कि आज के प्रतिस्पर्धी दौर में व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए केवल मेहनत और पूंजी ही नहीं, बल्कि रणनीतिक सोच, तकनीक, नेटवर्किंग और ब्रांडिंग की भी उतनी ही जरूरत है।
शहरभर से आए उद्यमियों और व्यापारियों ने इसे बेहद उपयोगी अनुभव बताया और कहा कि ऐसे आयोजन उनके व्यापार को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं।