जर्जर भवनों को लेकर अभिभावकों में आक्रोश,पीओ को घेरा खूब करी खोटी सुनाई

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20 Aug 25
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जर्जर भवनों को लेकर अभिभावकों में आक्रोश,पीओ को घेरा खूब करी खोटी सुनाई

*जनजाति परिक्षेत्र के बच्चों  के साथ षडयंत्र*

बांसवाड़ा।

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अमरथून में एस एम सी एस डी एम सी,पीटीए अभिभावक संघ, विद्यार्थी संघ शिक्षकों सहित ग्रामीणों ने 

जर्जर भवनों,खस्ताहाल कक्षा कक्षों, और खण्डहर किचन शेड भोजन शालाएं चारदीवारी मूत्रालय शौचालय को लेकर 

पीओ प्रधानाचार्य अरुण व्यास को खूब खरी खरी सुनाई ओर

चार दशकों से मरम्मत बजट आवंटन, रंग रोगन नहीं होने पर

जम कर लताड़ लगाई की

दिन भर बच्चे बाहर धूप में बैठेंगे और बीमार होने पर कौन जिम्मेदार होगा ?

बैठक की अध्यक्षता प्रशासक राजेंद्र कुमार चरपोटा ने की।

 

*बच्चों की टीसी निकलवा लेने की चेतावनी*

 

इधर अमरथून नोडल के समस्त युवा अभिभावकों ने शिक्षा अधिकारीयो को खुली चेतावनी दी कि पंद्रह दिन में विद्यालय की मरम्मत कार्य स्वीकृति कर बजट आवंटन नहीं हुआ तो हम सभी बच्चों की टीसी निकलवा लेंगे।

 

इसके अलावा युवाओं ने अस्थाई झोपड़ी निर्माण करने हेतु घर घर से बॉस, बल्लियां, झप्पर सामग्री 

एकत्रित की गई ओर झोपड़ी निर्माण हाथों हाथ शुरू किया।

 

भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, कृषि विज्ञान, वरिष्ठ अध्यापक गणित सहित उपप्रधानाचार्य , चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के दो पद, AAO के रिक्त पदों सहित 8 खाली होने पर,शीघ्र भरवाने हेतु संघर्ष समिति की बैठक करके निर्णय लिए गए।

 

बैठक में रिक्त पदों को शीघ्र भरने, जर्जर खंडहर खस्ताहाल भवनों को शीघ्र मेजर रिपेयरिंग कराने,10 कमरे,तीन प्रयोग शालाएं चारदीवारी मूत्रालय शौचालय सहित किचन शेड निर्माण,बालिका छात्रावास , स्टेडियम निर्माण करने हेतु ज्ञापन पत्र जिला प्रशासन उपखण्ड अधिकारी घाटोल सहित विधायक, शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को देकर घेराव करने का संकल्प लिया गया।

 

इस अवसर पर अभिभावकों ने जर्जर खंडहर खस्ताहाल भवनों में पीओ प्रधानाचार्य अमरथून के नहीं बिठाने के निर्देश पर खिंचाई करते हुए अभिभावकों ने पीओ प्रधानाचार्य अरुण व्यास को घेराव कर कमरे में बन्द करने की चेतावनी दी क्योंकि जर्जर खंडहर खस्ताहाल भवनों की मरम्मत ओर नव निर्माण की सूचना विभाग द्वारा मांगे जाने पर राज्य सरकार द्वारा 1936विद्यालय को मरम्मत बजट दिया गया किन्तु अमरथून नोडल की एक भी स्कूल को

 बजट क्यों नहीं मिला इसकी विस्तृत जानकारी लेने पर पीओ प्रधानाचार्य अरुण व्यास ने राजस्थान सरकार,  प्रशासन , विभाग से किए गए पत्राचार दिखाए तो अभिभावकों ने कहा कि मरम्मत बजट स्वीकृत क्यों नहीं करा कर लाते हो और बच्चों को खुले धूप में क्यों बिठाते हो?

 

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हम सभी अभिभावक मिल कर आंदोलन करेंगे 

 

 प्रधानाचार्य अमरथून को जर्जर भवन , टूटी लाइट, वायरिंग, कालिख पुते किचन शेड, कक्षा कक्ष सुविधाए की हालात को लेकर अभिभावकों ने नाराजगी जताई साथ ही मरम्मत बजट स्वीकृत करवाने हेतु प्रधानाचार्य अरुण व्यास को पाबंद किया गया।

 

बैठक में अभिभावकों ने पीओ प्रधानाचार्य अमरथून को आड़े हाथों लेते हुए पाबंद किया कि बच्चों की पढ़ाई रिक्त पदों के कारण नहीं होती है और बच्चे दिनभर खाली बैठे रहते है चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रिक्त पदों के कारण साफ सफाई करवाई जाती है पेड़ रुपाई ,जिओ टैगिंग करवाई जा रही है हम बच्चों को पढ़ाने भेजते है  दूसरे कामों के लिए नहीं भेजते है शिक्षक के पद रिक्त है तो यह कमी आपकी पीओ प्रधानाचार्य की है शिक्षक लाओ और पढ़ाई कराओ किन्तु

गरीब के बच्चों के साथ अन्याय मत करो?

 

बैठक में वक्ताओं ने जनजाति परिक्षेत्र बांसवाड़ा जिले में ही यह अन्याय क्यों हो रहा हैं एक ओर यहां के बेरोजगार युवाओं को नौकरी रोजगार देने में कोताही बरती जा रही हैं फर्जी डिग्री के बाहर जिलों के लोगों को नौकरी दी जा रही है।

 

ओर यहां का गरीब जनजाति आदिवासी परिवार का बेटा खेत बीएड करवाने के चक्कर में बेच कर बैठा है।ओर नौकरी भी नहीं मिल रही हैं।

 

बैठक में वक्ताओं ने बाहर के जिलों के फर्जी डिग्री धारी शिक्षक व्याख्याता नौकरी के एक दो साल बाद ट्रांसफर करवाकर अपने जिले में चले जा रहे हैं जिससे शिक्षकों के पद खाली के खाली ही रह जाते है  और पढ़ाई बाधित हो रही है यह राज्य सरकार द्वारा जनजाति परिक्षेत्र के बच्चों को अधिकारी नहीं मजदूर बनाने का षडयंत्र रचा गया हैं।

 

बैठक में कई बार तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई ओर नोडल के विभिन्न विद्यालय,आंगनवाड़ी केंद्र , ग्वाल माता में मां बाड़ी केंद्र ओर राप्रावि स्कूल दोनों जर्जर खंडहर खस्ताहाल होने,गुलाबपुरा, कोठारिया पाड़ा,खेड़ली पाड़ा स्कूल  के भवन जर्जर खंडहर खस्ताहाल होने और  विद्यार्थियो स्टॉफ को बाहर खुले में पढ़ाई करवाने पर चिन्ता जताई और राप्रावि आंबा पाड़ा स्कूल मन्दिर प्रांगण में संचालित होने ओर दो वर्ष बाद भी भवन निर्माण अधूरा पड़ा हुआं होने पर राज्य सरकार को पत्र लिखने की बात कही गई है


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